समलैंगिकता अनैतिक है: RSS
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: संघ के संयुक्त सहासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा है समलैंगिकता एक मनोवैज्ञानिक समस्या है. इसी के साथ उन्होंने कहा है कि समलैंगिक शादी को रोका जाना चाहिये. एक दिन पहले ही समलैंगिकता के संदर्भ में यौन रुझान को निजी पसंद बताने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शुक्रवार को कहा कि समलैंगिकता एक मनोवैज्ञानिक विकार है. आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने इंडिया टुडे कांक्लेव में गुरुवार रात को कहा था कि उनके संगठन की इस विषय पर देने के लिए कोई सार्वजनिक राय नहीं है.
होसबले ने कहा, “समलैंगिकता पर आरएसएस का कोई रुझान क्यों होना चाहिए? यौन रुझान निजी मसला है. इस पर आरएसएस को अपनी राय व्यक्त करने की क्या जरूरत है.”
उन्होंने कहा कि समलैंगिक यौन संबंध तब तक अपराध नहीं है, जब तक यह दूसरों के जीवन को प्रभावित ना करे.
लेकिन, इसके 24 घंटे बाद ही आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने यह तो दोहराया कि समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं माना जाना चाहिए, लेकिन इसे ‘अनैतिक’ बताते हुए मनौवैज्ञानिक इलाज की जरूरत बताई.
होसबले ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “समलैंगिकता अपराध नहीं है, लेकिन हमारे समाज के लिए अनैतिक है. इसमें दंडित किए जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि इसका मनोवैज्ञानिक मामले की तरह इलाज करने की जरूरत है.”
Homosexuality is not a crime, but socially immoral act in our society. No need to punish, but to be treated as a psychological case.
— Dattatreya Hosabale (@DattaHosabale) 18 मार्च 2016
इसी के साथ उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है समलैंगिक शादी को रोका जाना चाहिये.
Gay marriage is Institutionalization of homosexuality. It should be prohibited.
— Dattatreya Hosabale (@DattaHosabale) 18 मार्च 2016
सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक संरक्षक माने जाने वाले आरएसएस ने यह विचार ऐसे वक्त पर पेश किया है जब कांग्रेस के सांसद शशि थरूर द्वारा प्रस्तावित समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटाने का विधेयक शुरुआती चरण में ही लोकसभा में परास्त हो गया था. इस विधेयक को रोकने में भाजपा सांसदों की प्रमुख भूमिका थी. ( एजेंसी इनपुट के साथ)