हिंडनबर्ग ने कहा-हमारे आरोप बुच ने स्वीकार किए
नई दिल्ली | डेस्क: हिंडनबर्ग रिसर्च ने बाज़ार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं.
इधर हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट जारी होने के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाज़ार पर भी इसका असर दिखा है. सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट देखने को मिली है.
इधर अडानी ग्रूप के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है. सोमवार को अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी टोटल गैस, अदाणी पावर और बाकि कंपनियों के शेयर 3 से 6 फ़ीसदी तक गिर गए.
हिंडनबर्ग ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दस्तावेज़ों के साथ एक पोस्ट करते हुए कुछ दावे भी किए.
हिंडनबर्ग ने बुच के बयान वाले एएनआई के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, “हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की प्रतिक्रिया में कई ज़रूरी बातें स्वीकार की गई हैं. और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं.”
हिंडनबर्ग ने कहा कि माधबी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था. जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया. उन्होंने (माधबी) पुष्टि की है कि ये फ़ंड उनके पति के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे.
हिंडनबर्ग ने कहा कि अदानी से संबंधित निवेश फ़ंड की जांच की ज़िम्मेदारी सेबी को दी गई थी. इसमें माधबी के व्यक्तिगत निवेश वाले फ़ंड शामिल थे.
बुच के बयान पर सवाल उठाते हुए हिंडनबर्ग ने कहा कि बुच ने ये भी दावा किया गया है कि वो दोनों कंसल्टिंग कंपनियों से 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही हट गईं. लेकिन 31 मार्च, 2024 की शेयर होल्डिंग बताती है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में माधबी की 99 फ़ीसदी की हिस्सेदारी है, न कि उनके पति की. वो अब भी एक्टिव हैं और कंपनी में कमाई कर रही हैं.
हिंडनबर्ग ने माधबी बुच के सवालों के जवाब में कहा है कि सिंगापुर के रिकॉर्ड्स के अनुसार, मार्च 2016, 2022 के वक्त तक माधबी की अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 फ़ीसदी हिस्सेदारी थी. मतलब सेबी में पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए. उन्होंने सेबी का चेयरपर्सन बनने के दो हफ्ते बाद अपने शेयर पति के नाम ट्रांसफर कर दिए.
अगोरा एडवाइजरी ने वित्त वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2.3 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया. जबकि वो इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं. बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने पर्सनल ई-मेल आईडी से पति के नाम का इस्तेमाल कर बिजनेस किया.
व्हिसलब्लोअर दस्तावेज़ों के अनुसार, 2017 में सेबी की पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले उन्होंने ये सुनिश्चित किया कि अदानी से जुड़े अकाउंट “केवल उनके पति धवल बुच के नाम पर पंजीकृत हों.”