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सौम्या चौरसिया को जमानत नहीं, 11 जून को होगी सुनवाई

बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला घोटाले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत पर हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है.सौम्या चौरसिया ने मामले के लंबा चलने और एक अन्य आरोपी की जमानत का हवाला दिया था.

सौम्या चौरसिया की अंतरिम जमानत पर सुनवाई करते हुए सोमवार को जस्टिस एन के व्यास की पीठ ने मुख्य जमानत याचिका में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए.

सौम्या चौरसिया की मुख्य जमानत याचिका पर अब 11 जून को सुनवाई होगी.

गौरतलब है कि इसी मामले में कारोबारी सुनील अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी है.

इंद्रमणि कोल ग्रुप के निदेशक सुनील अग्रवाल को जमानत के बाद माना जा रहा था कि सौम्या चौरसिया को भी जमानत मिल सकती है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ से भी अधिक की अवैध कोयला लेवी की वसूली का आरोप ईडी और आयकर विभाग ने लगाया था.

आरोप है कि राज्य सरकार के अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों ने कोयला परिवहन में प्रति टन 25 रुपये की अवैध वसूली शुरु की थी.

इसके लिए ऑनलाइन कोयला परिवहन की अनुमति के नियम तक को बदल दिया गया था. जो परिवहनकर्ता अवैध पैसा देता था, उसे ही परिवहन की ऑफलाइन अनुमति दी जाती थी.

इस मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सबसे करीबी अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ़्तार किया गया था.

साथ ही सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, खनिज अधिकारी शिवशंकर नाग, राजेश चौधरी और संदीप नायक को आरोपी बनाया था, उनकी गिरफ़्तारी की गई थी.

तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को कोयला लेवी घोटाला और कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ़्तार किया गया था.

साल 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी 44 साल की सौम्या चौरसिया उसके बाद से ही जेल में बंद हैं.

इस दौरान उन्होंने कई बार जमानत की कोशिश की लेकिन हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने उनकी जमानत की याचिका ठुकरा दी.

पिछले साल 14 दिसंबर को तो सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया था.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच 5 दिसंबर को मामले की सुनवाई हुई थी, जिसके बाद 14 दिसंबर को कोर्ट ने फैसला दिया.

पिछले महीने की 12 तारीख़ को रायपुर की अदालत में भी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई थी.

लेकिन 16 अप्रेल 2024 को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई.

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