ख़बर ख़ासताज़ा खबरसेंट्रल गोंडवाना

बदलापुर पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार और पुलिस को फटकार

ठाणे| डेस्कः महाराष्ट्र के ठाणे के बदलापुर यौन शोषण मामले पर गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की. कोर्ट ने कहा है कि अगर स्कूल ही सुरक्षित नहीं है तो शिक्षा के अधिकार और बाकी चीजों की बात करने का कोई मतलब नहीं है.

अदालत ने कहा-ये क्या है? 13 का इंसिडेंट, 16 को एफआईआर और स्टेटमेंट 22 तारीख को रिकॉर्ड हो रहा है. ये क्या चल रहा है. अगर हमें जरा भी लगा कि मामले को दबाने की कोशिश हो रही है, तो हम किसी के खिलाफ एक्शन लेने में हिचकेंगे नहीं.

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने मामले की सुनवाई की.

गौरतलब है कि ठाणे के बदलापुर के एक नामी स्कूल में प्री-प्राइमरी क्लास में पढ़ने वाली चार साल की दो बच्चियों का 23 साल के स्कूल क्लीनर अक्षय शिंदे ने स्कूल के शौचालय में यौन उत्पीड़न किया.

13 और 14 अगस्त को हुई इस घटना के आरोपी ने न केवल उन दोनों का यौन उत्पीड़न किया, बल्कि उन्हें किसी से न कहने की धमकी भी दी. मगर इनमें से एक बच्ची ने घटना के एक दिन बाद हिम्मत दिखाई.

जिस समय इन दोनों बच्चियों का यौन उत्पीड़न किया गया, उस समय कोई महिला स्टॉफ शौचालय में उपस्थित नहीं थी.

आज हाईकोर्ट ने स्कूलों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि अब 4 साल की मासूम लड़कियों को भी नहीं बख्शा जा रहा, यह गंभीर मामला है.

कोर्ट ने बदलापुर पुलिस को जमकर फटकार लगाते हुए पूछा कि बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई. यह स्थिति काफी चौकाने वाली है.

कोर्ट ने सरकार से इस घटना से संबंधित केस डायरी और एफआईआर की कॉपी मांगी है.

इस मामले पर अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी.

एसआईटी का गठन

महाराष्ट्र सरकार ने घटना की जांच के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है.

वहीं सरकार ने जांच में कथित रूप से लापरवाही बरतने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है.

वहीं स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को लेकर प्राचार्य, एक कक्षा अध्यापक और एक महिला सहायिका को निलंबित कर दिया है.

बढ़ते हंगामे को देखते हुए बुधवार को शहर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं थी. वहीं इस घटना के ख़िलाफ प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ करने वाले 72 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

error: Content is protected !!