स्वास्थ्य से जुड़े 4 मिथक
लंदन | एजेंसी: स्वास्थ्य संबंधी कई दिशा-निर्देश हैं, जिसका पालन हम वर्षो से करते आ रहे हैं. विशेषज्ञों ने मिथक बन चुके इन दिशा-निर्देशों का अब खुलासा किया है.
* मिथक : एक दिन में आठ गिलास पानी पीना चाहिए
सच्चाई : शरीर में तरल की आवश्यकता कई कारकों पर निर्भर है. अगर कोई ज्यादा काम करता है, तो उसे ज्यादा तरल की आवश्यकता होती है. वहीं अगर कोई तरल से भरपूर फल और सब्जियां लेता है, तो उसे कम पानी की जरूरत होती है. ऐसे में जरूरी नहीं कि आठ गिलास पानी से ही उसके शरीर को जरूरत के पानी की आवश्यकता की पूर्ति हो जाएगी.
* मिथक : त्वचा के लिए लाभकारी है टैन
सच्चाई : सूर्य की किरणों से त्वचा जब लगभग जल जाती है और उसका रंग भूरा हो जाता है, तो उसे टैन कहते हैं. लगातार ऐसा किया जाए, तो यह त्वचा कैंसर का एक कारक बन सकता है. साथ ही त्वचा के क्षतिग्रस्त होने और सिकुड़न आने की संभावना बढ़ जाती है.
* मिथक : कब्ज से लड़ने के लिए खाने में ज्यादा से ज्यादा फाइबर करें इस्तेमाल
सच्चाई : कब्ज होने पर उच्च फाइबर वाले आहार की सलाह दी जाती है. लेकिन चोकर युक्त अनाज के ज्यादा सेवन से कब्ज की समस्या और गंभीर हो सकती है. अघुलनशील फाइबर कुछ खनिज तत्वों के अवशोषण में रुकावट डाल सकता है, जैसे आयरन. आदर्श तौर पर फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले घुलनशील फाइबर लेना ज्यादा फायदेमंद होता है. खासकर सूखे फल.
* मिथक : रात में खाने से शरीर में वसा ज्यादा जमा होता है
सच्चाई : यदि आप भोजन या नाश्ते में कार्बोहाइड्रेट और वसा से भरपूर आहार शाम में लेते हैं, तो संभावना है कि कुछ वसा जमा हो जाए, क्योंकि इससे ग्लूकोज बनेगा, जिसके प्रतिक्रिया स्वरूप इंसुलिन का निर्माण होगा.
यह तथ्य हालांकि इस बात पर निर्भर करता है कि आप दिनभर क्या खाते हैं और कितना कसरत करते हैं. किसी भी तरह के वसा के जमाव होने से बचने के लिए प्रोटीन, फाइबर और अच्छा वसा युक्त आहार लें.
बेहतर होगा कि आप अपने स्वास्थ्य से संबंधी जानकारी अपने चिकित्सक से ही लें जिसे आपके बीमारी तथा शारीरिक अवस्था के बारे में मालूम है.