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हेडली के बयान के बाद जिरह होगी

मुंबई | समाचार डेस्क: मुंबई हमलों के आरोपी पाकिस्तानी मूल के अमरीकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का बयान दर्ज करने की प्रक्रिया शनिवार को पूरी हो गई. मुंबई की विशेष टाडा न्यायालय के न्यायाधीश जी. ए. सनाप के समक्ष बीते छह दिनों में पांच दिन तक दर्ज किए गए बयान में 30 घंटे तक हेडली से पूछताछ की गई.

अभियोजन पक्ष के विशेष वकील उज्‍जवल निकम ने यहां पत्रकारों को बताया बयान दर्ज करने के बाद हेडली से जिरह भी शुरू कर दी गई हालांकि अभी जिरह की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है और अमरीकी अधिकारियों से संपर्क कर इसी महीने जिरह की प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाएगी.

आपराधिक एवं आतंकवाद से संबंधित मामलों के विशेषज्ञ वकील निकम ने अमरीका की जेल में कैदी हेडली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस दौरान 750 प्रश्न और 56 प्रति-प्रश्न पूछे. हेडली का बयान दर्ज करने की यह प्रक्रिया एक अज्ञात जगह पर आठ फरवरी की सुबह से शुरू हुई.

मुंबई की विशेष टाडा अदालत द्वारा पिछले वर्ष 10 दिसंबर को सशर्त माफी पाने के बाद हेडली ने मुंबई 26/11 आतंकवादी हमले में गवाह बनना स्वीकार किया था. हेडली को अमरीका में 35 वर्ष कैद की सजा हुई है.

शनिवार को हेडली को मुंबई आतंकवादी हमले के दौरान 26 से 28 नवंबर, 2008 के बीच रिकॉर्ड की गई बातचीत हेडली को सुनवाई गई और कराची में एक नियंत्रण कक्ष से हमले में शामिल पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों को दिशानिर्देश दे रहे लोगों की पहचान करने के लिए कहा गया.

निकम ने कहा, “हमारे लिए यह गवाही बेहद अहम है. हेडली ने नियंत्रण कक्ष में मौजूद तीन लोगों को उनकी आवाज के आधार पर साफ-साफ पहचान कर ली है, जो उस रात आतंकवादियों को दिशानिर्देश दे रहे थे.”

मामले में एक अन्य आरोपी भारत के जबिउद्दीन अंसारी उर्फ अबु जुंदाल के वकील वहाब खान ने शनिवार को हेडली से जिरह भी शुरू कर दी, हालांकि समय की कमी के चलते वह सिर्फ पांच सवाल ही कर सके.

वहाब खान ने कहा है कि उन्हें हेडली के दर्ज किए गए बयान नहीं दिए गए हैं और उन्हें फांसी पर लटका दिए गए मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब की स्वीकारोक्ति का अध्ययन करने की भी जरूरत है.

इस बीच वकील महेश जेठमलानी ने न्यायाधीश को बताया कि शनिवार को बयान दर्ज करने और जिरह के लिए निर्धारित समय में दो घंटे बढ़ा दिए गए थे, लेकिन इसके बावजूद जिरह पूरा करना संभव नहीं है.

इस पर न्यायाधीश ने अमरीकी वकील साराह से पूछा कि क्या जिरह को सोमवार को जारी रखा जा सकता है, लेकिन साराह ने इससे मना कर दिया.

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