कलारचना

Happy B’day ‘रामपुर का लक्ष्मण’

नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: रणधीर कपूर को उनके चाहने वाले ‘रामपुर का लक्ष्मण’ के नाम से ज्यादा जानते हैं. इस फिल्म ‘रामपुर का लक्ष्मण’ में उन्होंने यादगार भूमिकी की तथा इसका गाना ” रामपुर का लक्ष्मण हूं मैं…” लोगों की जुबान पर रहता था. अभिनेता-फिल्म निर्देशक रणधीर कपूर रविवार को 68 साल के हो गये. उनका जन्म 15 फरवरी, 1947 को मुंबई में बसे एक पंजाबी परिवार में हुआ. वह उस मशहूर कपूर खानदान से हैं, जो 1920 के दशक से ही हिंदी सिनेजगत का हिस्सा है. बॉलीवुड के ‘शोमैन’ राज कूपर के सबसे बड़े बेटे व अभिनेता-फिल्म निर्माता पृथ्वीराज कपूर के पोते रणधीर को घरवाले प्यार से ‘डब्बू’ बुलाते हैं.

रणधीर कपूर जब बच्चे थे, तो सर्वप्रथम ‘श्री 420’ फिल्म में एक गाने में 30 सेकेंड के लिए नजर आए. 1959 में उन्होंने अपने पिता व मधुबाला की मुख्य भूमिका वाली फिल्म ‘दो उस्ताद’ में बतौर बाल कलाकार काम किया. फिल्म में हालांकि उन्हें रणधीर कपूर की जगह ‘मास्टर डब्बू’ के नाम से श्रेय दिया गया. 20 साल की उम्र में उन्होंने ‘झुक गया आसमां’ फिल्म में निर्देशक लेख टंडन को असिस्ट किया था.

दिग्गज अभिनेता राज कपूर के लाडले बेटे रणधीर कपूर ने अभिनय व निर्देशन करियर की शुरुआत असल मायने में 1971 में ‘कल आज और कल फिल्म’ से की. इस फिल्म में बबीता कपूर, पिता और दादा ने भी अभिनय किया. फिल्म आर.के. बैनर के तले बनी और इसे औसत सफलता मिली. उन दिनों रणबीर, बबीता को डेट कर रहे थे. इसके बाद उनकी अगली सफल फिल्म ‘जवानी दीवानी’ और ‘रामपुर का लक्ष्मण’ रही, जिसमें उनके साथ क्रमश: जया बच्चन व रेखा थीं.

रणधीर की सफल फिल्मों में अधिकांशत: वे फिल्में शामिल हैं, जिनमें वह दूसरी मुख्य भूमिका में नजर आए. इन फिल्मों में ‘चाचा भतीजा’, ‘कसमें वादे’, ‘सवाल’, ‘जमाने को दिखाना है’ व ‘पुकार’ शामिल हैं. ‘जमाने को दिखाना है’ में उनकी अतिथि भूमिका थी, वहीं ‘चाचा भतीजा’ में उनके साथ धर्मेद्र, हेमा मालिनी व जीवन ने भी अभिनय किया.

1984 में आई ‘खजाना’ फिल्म के बाद उन्होंने अभिनय छोड़ दिया और फिल्म निर्माण व निर्देशन में लग गए.

रणधीर ने 1999 में ‘मदर’ फिल्म से दोबारा अभिनय का रुख. यह एक मल्टी-स्टारर फिल्म थी, जिसमें उनके साथ जीतेंद्र, रेखा व राकेश्1ा रोशन भी थे. इस फिल्म के करीब तीन साल बाद रणधीर ‘अरमान’ फिल्म में नजर आए. इसमें उनके साथ अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर व अनुपम खेर जैसे नामचीन अभिनेताओं ने काम किया.

इस बीच वह ‘हाउसफुल 2’ और ‘सुपर नानी’ जैसी फिल्मों में दिखे. ‘सुपर नानी’ असफल रही, जिसमें उनके साथ रेखा भी थीं. रणधीर ने बतौर फिल्म निर्माता ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार जीता. इसका निर्देशन उनके पिता ने किया था.

रणधीर कपूर और अभिनेत्री बबीता ने ‘कल आज और कल’ फिल्म के बाद शादी कर ली. बबीता एक अच्छी व समर्पित प्रेमिका थीं, लेकिन अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि उनका मिजाज काफी दबंग किस्म का था. बाद में उनकी राहें जुदा हो गईं. रिश्ता खत्म होने के बाद बबीता अपनी दोनों बेटियों करिश्मा व करीना कपूर को अपने साथ ले गईं. यह जोड़ी एक बार टूटी तो कभी दोबारा साथ नहीं हो पाई. वे दोनों अलग-अलग रहने लगे.

कपूर खानदान में लड़कियों को फिल्मों में लाने की परंपरा नहीं थी. बबीता ने इस परंपरा से उलट अपनी दोनों बेटियों को फिल्मों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया. आज करिश्मा व करीना दोनों का नाम बॉलीवुड की शीर्ष अभिनेत्रियों में गिना जाता है. कभी रामपुर का लक्ष्मण के नाम से लोकप्रिय रणधीर कपूर को आजकल करीना कपूर के पिता के नाम से ज्यादा जाना जाता है.

Rampur ka wasi hoon main

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