निर्भया के गुनहगारों को फांसी की सजा
नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप मामले में साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों आरोपियों मुकेश, विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को फांसी की सज़ा सुनाई है. इन दोषियों के गुनाह को जज ने रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए फांसी की सज़ा सुनाई. अदालत के बाहर जमा भीड़ ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इसका स्वागत किया.
ज्ञात्वय रहे कि इससे पहले मामले की सुनवाई 10 सितंबर को हुई थी और तब न्यायाधीश ने इन चारों आरोपियों को हत्या और गैंग रेप समेत आईपीसी की 11 अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया था मुख्य थीं.
बुधवार की सुनवाई के दौरान एडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना ने कहा था कि दोषियों ने सोची-समझी साजिश के तहत इस गैंगरेप को अंजाम दिया. इन्होंने ऐसे समय में उस लड़की की हत्या की, जब उसके पास बचने का कोई उपाय नहीं था. इसी वजह से इन आरोपियों को निर्मम हत्या के लिए दोषी करार दिया जाता है.
गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के मुनिरका इलाके में एक चलती बस में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा ज्योति सिंह पांडेय के साथ चलती बस छह आरोपियों ने गैंगरेप किया था. इस दौरान छात्रा और उसके साथी को बुरी तरह से पीटने के बाद चलती बस से नीचे फेंक दिया था.
इस लड़की का इलाज पहले दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुआ लेकिन बाद में बेहतर इलाज के लिए उसे 26 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल भेजा गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई थी.
इस गैंगरेप के एक आरोपी राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी जबकि एक दूसरे नाबालिग आरोपी को हाल ही में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने तीन साल के लिए सुधार गृह भेज दिया था. लड़की के साथ हुये गैंगरेप को लेकर पूरे देश भर में कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन हुये थे और आरोपियों के लिए फांसी की मांग की जा रही थी जिस पर न्यायलय ने गुरुवार को मुहर लगा दी.