तिमाही के परिणामों का इंतजार
मुंबई | एजेंसी: अगले सप्ताह कंम्पनियां अपने दूसरे तिमाही के नतीजो का घोषणा करेंगी. इस कारण देश के शेयर बाजारों की चाल अगले सप्ताह दूसरी तिमाही के परिणामों से निर्धारित होगी.
शेयर बाजार पर अमेरिका के शटडाउन, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की इस माह के आखिर में होने वाली बैठक और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस माह के आखिर में की जाने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा का भी असर रहेगा. अगले सप्ताह कई कंपनियां मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा करने वाली हैं. निवेशक इस दौरान कंपनियों के परिणामों के साथ आने वाली ऐसी टिप्पणियों से निवेश का संकेत लेंगे, जिनसे कंपनियों की भावी आय का पता चले.
आने वाले दिनों में शनिवार को फेडरल बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट, सोमवार को एशियन पेंट्स, एचडीएफसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंस, वर्लपूल और जी एंटरटेनमेंट दूसरी तिमाही के परिणामों की घोषणा करेंगी.
मंगलवार को केयर्न इंडिया, इरोज इंटरनेशनल, जिंदल होटल, विप्रो और यस बैंक और बुधवार को एसीसी, अंबुजा सीमेंट, एस्कॉर्ट्स, हीरो मोटोकॉर्प, एल एंड टी फाइनेंस होल्डिंग्स और एसकेएस माइक्रोफाइनेंस अपने परिणामों की घोषणा करेंगी.
गुरुवार को आइडिया सेल्युलर, जेके टायर, कोटक महिंद्रा बैंक, एनएमडीसी और रोल्टा इंडिया तथा शुक्रवार को कॉलगेट पामोलिव, एस्सार ऑयल, गेल, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक, आईटीसी, श्री सीमेंट और टीवीएस मोटर्स अपने-अपने वर्ष के दूसरे तिमाही परिणामों की घोषणा करेंगी.
अमेरिका में 16 दिनों तक चला शटडाउन और उसके कारण फेडरल रिजर्व की प्रोत्साहन नीति पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर भी निवेशक अटकल लगाने की कोशिश करेंगे. शटडाउन के कारण अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के कारण यह नुकसान हालांकि मामूली है, लेकिन जिस तेजी का संकेत मिलने से फेड प्रोत्साहन बंद करने पर विचार कर रहा था, उस तेजी को धक्का पहुंचने की आशंका है.
इसके कारण यह उम्मीद की जा सकती है कि फेड प्रोत्साहन को अभी बंद करने का फैसला नहीं लेने वाला है. फेड के वित्तीय प्रोत्साहन के कारण हर माह 85 अरब डॉलर बांड खरीदारी करने के कारण भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था में पिछले कई महीने से तरलता बनी रही है. फेड की बैठक इस माह के आखिर में 29-30 अक्टूबर को होने वाली है.
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक भी 29 अक्टूबर को मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करने वाला है. पिछले सप्ताह महंगाई में वृद्धि दर्ज किए जाने के कारण रिजर्व बैंक मुख्य नीतिगत दरों में वृद्धि करने का फैसला ले सकता है.
फेड और रिजर्व बैंक की आगामी बैठकों के चलते कई निवेशक निवेश का फैसला लेने से पहले थोड़ा इंतजार कर सकते हैं.