फाइलों में बंद गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व
रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में कैंपा मद से करोड़ों रुपये खर्च कर लैंटाना की कटाई को छोड़ कर, वन विभाग के कई ज़रुरी फैसले फाइलों में दम तोड़ दे रहे हैं. वन विभाग में पिछले तीन सालों में लिए गये कई फैसलों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
हालत ये है कि केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद भी आज तक गुरु घासीदास टाइगर रिज़र्व की अधिसूचना राज्य सरकार ने जारी नहीं की है.
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान को 2019 में राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी. इसे खूब प्रचारित भी किया गया.
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान बनेगा अब टाइगर रिजर्व pic.twitter.com/BoNQ65r4Pn
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 26, 2019
हालत ये है कि पिछले साल सितंबर में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने भी अपनी तरफ से इसे मंजूरी दे दी.
2829 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में प्रस्तावित इस टाइगर रिज़र्व का कोर एरिया 2 हजार 49 वर्ग किलोमीटर और बफर एरिया 780 वर्ग किलोमीटर तय किया गया था. लेकिन राज्य सरकार ने इस पर चुप्पी साध ली है.
नहीं बना एसटीएफ
सत्ता में आने के बाद राज्य सरकार ने वन विभाग की शुरुआती बैठक में वन अपराध को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स बनाने का ऐलान किया था.
नवंबर 2019 में वाइल्ड लाइफ़ बोर्ड में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य में शिकार और वन्य अपराधों को रोकने के लिये एसटीएफ के गठन को मंजूरी भी दे दी गई. अब जबकि राज्य में लगातार वन्य जीवों का शिकार हो रहा है लेकिन टास्क फोर्स का कहीं अता पता नहीं है.
वन्यजीव अपराध के मामले में कार्रवाई करने के लिए वन विभाग के पास, पुलिस से कहीं अधिक अधिकार हैं.
लेकिन ख़बर है कि अपराध पर कार्रवाई के लिए, इस टास्क फोर्स में पुलिस के जवानों को शामिल करने की मांग पर वन विभाग अड़ा हुआ है और टास्क फोर्स की फाइल बांध कर रख दी गई है.