‘अधूरा न्याय’ मिला- जकिया जाफरी
अहमदाबाद | समाचार डेस्क: गुलबर्ग केस में 24 को सजा व 36 को बरी किये जाने को जाकिया जाफरी ने ‘अधूरा न्याय’ कहा है. कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की विधवा जकिया जाफरी ने गुरुवार को गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड मामले में विशेष अदालत के फैसले को ‘अधूरा न्याय’ करार दिया. उन्होंने कहा कि आरोपियों के बरी किए जाने के खिलाफ वह उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगी. जकिया ने कहा कि वह मामले की विशेष जांच दल की जांच से संतुष्ट नहीं हैं और फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगी. लेकिन, दंगे में जिंदा बचे लोगों के वकील एस. एम. वोरा ने कहा कि वे अदालत के फैसले से संतुष्ट हैं.
वोरा ने संवाददाताओं से कहा कि फैसले पर जकिया की प्रतिक्रिया उनकी व्यक्तिगत प्रतिक्रिया है.
उन्होंने कहा, “जहां तक मैं समझता हूं, मैं अदालत के फैसले से संतुष्ट हूं. अदालत ने 24 लोगों को दोषी ठहराया है. इनमें से 11 लोगों को धारा 302 के तहत हत्या के लिए तथा अन्य 13 को मामूली धाराओं के तहत दोषी ठहराया है.”
वोरा ने कहा, “हम अदालत से फैसले पर फिर से विचार करने तथा जिन 13 लोगों को मामूली आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया है, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने के अनुरोध करने पर विचार कर रहे हैं. मैं हालांकि यह नहीं कह सकता कि मैं फैसले से असंतुष्ट हूं.”
इससे पहले, अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जकिया ने कहा कि एसआईटी ने जांच अच्छी तरह से नहीं की.
जकिया द्वारा मामले को सर्वोच्च न्यायायल के समक्ष उठाए जाने के बाद मामले की जांच के लिए साल 2009 में एसआईटी का गठन किया गया था.
जकिया ने कहा, “आधे से अधिक आरोपियों को बरी कर दिया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि न तो फैसला पूरा है और न ही जांच को ढंग से अंजाम दिया गया. यह अधूरा इंसाफ है. मैं 15 वर्षो से लड़ाई लड़ रही हूं और अब ऐसा लगता है कि मेरी लड़ाई अभी लंबी चलेगी. मैं अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखूंगी. मैं उच्च न्यायालय जाऊंगी.”
एसआईटी के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश पी.बी.देसाई ने गुरुवार को 36 आरोपियों को बरी कर दिया, जबकि 24 आरोपियों को दोषी करार दिया, जिसमें एक विश्व हिंदू परिषद का नेता भी शामिल है. छह आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो गई.
अहमदाबाद में संवाददाताओं से जाफरी ने कहा, “हम अंतिम सांस तक मुकदमा लड़ेंगे.”
उनके पास बचे विकल्प के बारे में पूछे जाने पर जाफरी ने कहा, “तीस्ता सीतलवाड़ तथा दिल्ली के एक मशहूर वकील के साथ मिलकर इस मुकदमे को लड़ना जारी रखेंगे.”
गुलबर्ग सोसायटी दंगे में एहसान जाफरी सहित 69 लोग मारे गए थे.