EPF पर सरकार पीछे हटी
नई दिल्ली | विशेष संवाददाता: वित्त मंत्रालय ने ईपीएफ पर ब्याज दर 8.8 फीसदी किये जाने को मंजूरी दे दी है. इससे पहले सरकार ने इसे घटाकर 8.7 फीसदी करने का ऐलान किया था. जिसका विपक्ष तथा ट्रेड यूनियनों ने जोरदार तरीके से विरोध किया था. इससे पहले भी केंद्र सरकार ईपीएफ के मुद्दे पर कुछ कर्मचारी विरोधी फैसले लेकर लगातार घिर चुकी थी. भारी दबाव के बीच हाल ही में केन्द्र सरकार ने पीएफ की संपूर्ण रकम निकालने पर लगी रोक वापस ली ही थी कि इसके बाद कर्मचारियों को दोबारा झटका देने की तैयारी शुरू कर ली थी.
वित्त मंत्रालय ने ईपीएफ पर ब्याज दर घटाने का फैसला किया था, जिससे देशभर के चार करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को झटका लगना तय था.
इससे पहले, ईपीएफओ ने 2013-14 और 2014-15 में 8.75 प्रतिशत का ब्याज दिया था. 2012-13 में 8.5 प्रतिशत तथा 2011-12 के 8.25 प्रतिशत ब्याज दिया गया था.
ईपीएफओ के पिछले साल सितंबर में लगाए गए अनुमान के आधार पर कहा गया था कि निकाय अंशधारकों को वर्ष 2015-16 के लिए आसानी से 8.95 प्रतिशत तक का ब्याज दे सकता है. इसके बाद भी उसके पास 100 करोड़ रुपये बचेंगे. ईपीएफओ अपने अंशधारकों को निवेश पर मिलने वाले रिटर्न के आधार पर ब्याज देता है.