गूगल के पिचाई सहिष्णुता के पक्षधर
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने अमरीका के मुसलमानों का समर्थन किया है. उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा है, “मेरा पक्का विश्वास है कि भले आप कोई कंपनी खड़ी कर रहे हो या फिर एक देश चला रहे हो, भिन्न भिन्न तरह की आवाजों, पृष्ठभूमियों और अनुभवों का संगम हमें एक बेहतर चर्चा, एक बेहतर फ़ैसले और सभी के लिए बेहतर परिणामों की तरफ़ ले जाता है.” पिचाई ने अपने ब्लॉग में असहिष्णुता पर लिखा है, “देखकर दुख होता है जिस तरह आजकल ख़बरों में असहिष्णु चर्चा हो रही है.”
भारतीय मूल के पिचाई ने अपने ब्लॉग में लिखा है- हम अपने मूल्यों को भय से मात न खाने दें. हमें अमरीका और दुनिया भर में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना होगा.
गूगल के सुंदर पिचाई से पहले फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने अपने फेसबुक के वॉल पर सवाल किया था कि किसी एक की गलती की सजा पूरे समुदाय को कैसे दी जा सकती है. उन्होंने कहा था फेसबुक पर मुसलमानों का स्वागत है.
दरअसल, अमरीका के रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में शामिल उद्योगपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि मुसलमानों के अमरीका आने पर रोक लगा दी जाये. उसके बाद से ही यह सारी प्रतिक्रियायें आ रहीं हैं. हालांकि, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने डोनाल्ट ट्रंप के नाम का उल्लेख नहीं किया है परन्तु इसे उसी संदर्भ में लिया जा रहा है.
सुंदर पिचाई भारतीयमूल के हैं जो गूगल जैसा कंपनी के सीईओ बने हैं. पिचाई ने अमरीका में अपने बसने और वहां शानदार करियर बनाने का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि अमरीका प्रवासियों का मुल्क था और अब भी है. उन्होंने लिखा, “मैं 22 साल पहले भारत से अमरीका आया. ख़ुशकिस्मत था कि यहां की एक यूनिवर्सिटी में मेरा दाख़िला हो गया. मैं देखा, कड़ी मेहनत से मेरे लिए एक के बाद एक दरवाज़े खुलते रहे. मैंने यहां करियर बनाया, परिवार और जिंदगी बसाई.”
अपने ब्लॉग में सुंदर पिचाई ने लिखा है, “मानसिक खुलापन, सहिष्णुता और नए अमरीकियों की स्वीकार्यता इस देश की एक सबसे बड़ी ताक़त है और विशेषता भी.”
सुंदर पिचाई का ब्लॉग-
Let’s not let fear defeat our values
“I came to the US from India 22 years ago. I was fortunate enough to gain entry to a university here, and time after time, I saw that hard work opened other doors. I have built a career and a family and a life here. And I’ve felt as much a part of this country, as I felt growing up in India.
My experience is obviously not unique. It’s been said a million times that America is the “land of opportunity” — for millions of immigrants, it’s not an abstract notion, but a concrete description of what we find here. America provided access to opportunities that simply didn’t exist for many of us before we arrived.
And it’s not just about opportunity. The open-mindedness, tolerance, and acceptance of new Americans is one of the country’s greatest strengths and most defining characteristics. And that is no coincidence — America, after all, was and is a country of immigrants.
That is why it’s so disheartening to see the intolerant discourse playing out in the news these days — statements that our country would be a better place without the voices, ideas and the contributions of certain groups of people, based solely on where they come from, or their religion.
I walk around the campus where I work and see a vibrant mix of races and cultures. Every one of those people has a different voice … a different perspective … a different story to tell. All of that makes our company an exciting and special place to be, and allows us to do great things together. We are urgently working to become much more diverse, because it’s so important to our future success. I firmly believe that whether you’re building a company or leading a country, a diverse mix of voices and backgrounds and experiences leads to better discussions, better decisions, and better outcomes for everyone.
I debated whether to post this, because lately it seems that criticism of intolerance just gives more oxygen to this debate. But I feel we must speak out — particularly those of us who are not under attack. Everyone has the right to their views, but it’s also important that those who are less represented know that those are not the views of all.
Let’s not let fear defeat our values. We must support Muslim and other minority communities in the US and around the world.”
उल्लेखनीय है कि गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई 16 दिसंबर को भारत आने वाले हैं. भारत में गूगल के भविष्य की योजनाओऔं के बारें में भी खुलासा करेंगे. 17 दिसंबर को पिचाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में छात्रों के सवालों का जवाब देंगे.