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अच्छे मुक्केबाज मुश्किल से मिलते हैं: विजेंदर

मुंबई | एजेंसी: जाने-माने भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह का कहना है कि उनका पहला प्यार बॉक्सिंग है, लेकिन वह अपनी पहली फिल्म ‘फगली’ में अभिनय में भी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को लेकर आश्वस्त हैं. हालांकि, वह कहते हैं कि अच्छे अभिनेताओं की भरमार है, जबकि अच्छे मुक्केबाज ढूंढ़ पाना उतना आसान नहीं है.

ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर ने एक साक्षात्कार में बॉक्सिंग से बॉलीवुड तक के अपने सफर पर बात की. पेश है बातचीत के कुछ अंश :

क्या आपकी बॉक्सिंग के प्रशंसकों को आपका फिल्मों में आना पसंद आएगा?

-क्यों नहीं. मैं कुछ नया करने की कोशिश कर रहा हूं. ऐसा नहीं है कि मैं कुछ संदिग्ध या गलत कर रहा हूं. मैं एक फिल्म कर रहा हूं.

क्या आप अब अपने दोनों करियर को बराबर तवज्जो देंगे?

-मैं एक पुलिस अधिकारी भी हूं. तो अब मेरे तीन करियर हैं. चूंकि बहुत ज्यादा लोग मेरे पुलिस अधिकारी होने की बात नहीं जानते, इसलिए किसी ने नहीं पूछा कि मैं मुक्केबाजी के अलावा कुछ और क्यों कर रहा हूं.

पहली फिल्म में काम करने का अनुभव कैसा था?

-यह एक अविश्वसनीय अनुभव था. मेरे फिल्म निर्देशक कबीर सदानंद भी एक खिलाड़ी हैं.

आपके लिए अभिनय से तालमेल बिठाना कितना मुश्किल था?

-मैं स्वीकार चुका हूं कि शुरुआत में मेरे लिए अभिनय करना कठिन था. लेकिन एक बार मेरा इससे सामना हुआ तो यह आसान हो गया.

आपने बॉक्सिंग में सबसे ज्यादा अवार्ड जीते हैं. एक अभिनेता के रूप में आप क्या पाना चाहते हैं?

-मुक्केबाजी मेरा पहला प्यार और प्रारंभिक करियर है. मैं अभिनय में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने जा रहा हूं. मैं आशा करता हूं कि जितनी पहचान बॉक्सिंग से मिली, उतनी ही अभिनय से भी मिलेगी..मैं मुंबई में बहुत सहज भी हूं.

क्या आप एक अभिनेता की तरह महसूस करते हैं?

-जब मुझे एक अभिनेता के रूप में ‘वर्क परमिट’ मिला तो बहुत गर्व हुआ..मैं खुश हूं कि मैं बॉक्सिंग करने के साथ ही एक नई शुरुआत कर रहा हूं.

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