तेंदुए के हमले से बच्ची की मौत, बुजुर्ग घायल
धमतरी। संवाददाताः छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के ग्रामीण तेंदुए के हमलों से दहशत में हैं. तेंदुआ बच्चों और बुजुर्गों को अपना निशाना बना रहा है.
शुक्रवार को तेंदुए के हमले में एक बच्ची की मौत हो गई है, वहीं एक बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
सांकरा वन परिक्षेत्र के ग्राम भैंसामुड़ा पंचायत के आश्रित ग्राम धौराभाठा में शुक्रवार शाम करीब 6 बजे घर के बाहर बस्ती में खेल रही तीन साल की मासूम नेहा पिता संतोष कमार पर तेंदुए ने अचानक से हमला कर दिया.
आसपास के लोग जब तक देखते और शोर मचाते तब तक तेंदुआ बच्ची को गंभीर रूप से घायल कर चुका था. लोगों के शोर के बाद तेंदुआ बच्ची को छोड़कर भाग निकला, लेकिन तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी.
बच्ची पर हमले के बाद तेंदुए ने उसी गांव के एक बुजुर्ग को निशाना बनाया, जिसमें बुजुर्ग गंभीर रूप से घायल हो हुए हैं. रात 11-12 बजे के बीच गांव के ही बुजुर्ग बुधराम अपने घर में खाट पर सो रहे थे. उसी दौरान तेंदुए ने उन पर हमला कर दिया.
तेंदुआ बुधराम को मुंह में दबाकर ले जाने का प्रयास कर रहा था, लेकिन बुजुर्ग के चिल्लाने के बाद घरवालों ने देखा और सभी चिल्लाने लगे, जिसके बाद शोर सुनकर तेंदुआ बुजुर्ग को छोड़कर भाग निकला.
हमले में बुधराम के सिर और कमर में गंभीर चोटें आई हैं. उन्हें इलाज के लिए नगरी सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मामले की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. वन परिक्षेत्र आधिकारी दीपक गावड़े ने बताया कि गांव में पेट्रोलिंग करने निर्देश दिए हैं.
ग्रामीणों को भी आग जलाकर अलर्ट रहने कहा है. मृत बच्ची के परिजनों को तात्कालिक सहायता राशि 25 हजार रूपए दी गई है.
बताया जा रहा है कि बुजुर्ग पर हमला करने के बाद तेंदुए ने देर रात एक कुत्ते का भी शिकार किया. धौराभाठा से एक किलोमीटर दूर बसे ग्राम खुदुरपानी में लघुशंका के लिए निकले बीरेंद्र नेताम के सामने से उनके पालतू कुत्ते का शिकार कर जंगल की ओर ले गया.
तेंदुए के लगातार एक ही गांव में हमला करने से ग्रामीण दहशत में हैं.
डीएफओ श्रीकृष्ण जाधव ने कहा कि घटना के बाद विभाग के कर्मचारी ग्रामीणों को सजग कर रहे हैं. तेंदुए पर निगरानी भी रखी जा रही है.
3 साल के ऋत्विक को भी उठा ले गया था तेंदुआ
चार अगस्त को सिहावा क्षेत्र के कोरमुड़ में तेंदुआ तीन साल के ऋत्विक कमार पिता योगेश्वर कमार को घर से उठा ले गया था.
40 घंटे बाद घर से 200 मीटर दूर पहाडिय़ों पर तृष का सिर मिला था.
बताया जा रहा है कि बच्चा खेलते-खेलते शाम करीब 7 बजे कहीं लापता हो गया. परिजनों ने काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नही चला.
परिजनों आशंका हुई कि बच्चे को कहीं तेंदुआ उठाकर न ले गया हो. इसके बाद परिजन वन विभाग और पुलिस को बच्चे की गुमशुदगी की सूचना दी.
24 घंटे के बाद भी बच्चे का कहीं कुछ पता नहीं चला. 6 अगस्त की सुबह वन विभाग की टीम को जंगल में बच्चे के अवशेष मिले.
सिर्फ मासूम के सिर की खोपड़ी बची थी. बच्चे के शरीर के अवशेष की बरीकी से जांच की गई तो तेंदुए के पंजे का निशान मिले. इससे यह पुष्टि हो गई कि बच्चे को तेंदुआ ने अपना शिकार बनाया है.
गांव वालों के अनुसार, इससे पहले भी कई बार तेंदुआ गांव में घुस चुका है और लोगों पर हमला कर चुका है.