फिर गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द
नई दिल्ली | मनोरंजन डेस्क: महाराष्ट्र के बाद राजधानी दिल्ली में भी गुलाम अली का कार्यक्रम विरोधों के चलते रद्द करना पड़ा. हालांकि पुलिस ने सुरक्षा की व्यवस्था की थी परन्तु हिन्दूवादी संगठन के विरोध के कारण निजी होटल के प्रबंधन ने कार्यक्रम को रद्द करवा दिया. जाहिर है कि यदि तोड़फोड़ होती है तो उसका खामियाजा होटल प्रबंधन को ही भुगतना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि मुंबई में भी हिन्दूवादी संगठन होने का दावा करने वालों ने पाकिस्तानी गज़ल गायक का विरोध करने की धमकी दी थी. पाकिस्तान के गजल गायक गुलाम अली को यहां सोमवार को भारतीय फिल्म ‘घर वापसी’ के गीतों की सीडी लांच करनी थी, लेकिन कुछ हिंदूवादी प्रदर्शनकरियों ने कार्यक्रम नहीं होने दिया. प्रदर्शनकारियों ने कार्यक्रम का विरोध करते हुए गजल गायक के खिलाफ नारे भी लगाए.
गुलाम अली ने इस फिल्म में न केवल गीत गाया है, बल्कि अपने अभिनय करियर की शुरुआत भी इसी से की है.
दिल्ली के होटल ‘रॉयल प्लाजा’ में फिल्म का संगीत लांच होना था, लेकिन हिंदूसेना से मिली धमकी के कारण इसे रद्द करना पड़ा.
संवाददाता सम्मेलन शुरू होने से कुछ समय पहले ही कुछ लोगों ने यहां पहुंचकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और ‘गुलाम अली मुर्दाबाद’ के नारे लगाने लगे.
फिल्म के निर्देशक शोएब इलियासी ने इस घटना की निंदा की है.
इलियासी ने कहा, “हमने दिल्ली पुलिस और केंद्रीय गृहमंत्रालय से गुलाम अली और आयोजन स्थल की सुरक्षा के लिए अपील की थी.”
उन्होंने आगे कहा, “हमें सुरक्षा मिली, लेकिन विरोध प्रदर्शन के कारण निजी होटल के प्रबंधन ने पूरे समारोह को रद्द कर दिया.”
इससे पहले इस फिल्म का संगीत लांच मुंबई में 29 मार्च को होना था, लेकिन वहां शिवसेना से मिली धमकी के कारण इसे रद्द करना पड़ा था.
‘घर वापसी’ सांस्कृतिक पहचान के भंवर में फंसे एक परिवार की कहानी है, जिसे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है और घर वापसी के दौरान सांस्कृतिक विरोधाभास का सामना करने में वह असमर्थ है.
इस फिल्म में फरीदा जलाल, जरीना वहाब, आलोक नाथ, रीमा लागू, दीपक तिजोरी, सृष्टि गौतम और हर्ष नागर ने अभिनय किया है. जाहिर है कि फिल्म ‘घर वापसी’ में जिस मुद्दे को उठाया गया है फिल्म को उसी वास्तविकता का सामना करना पड़ रहा है. गुलाम अली के कार्यक्रम का विरोध इस बात का सबूत है कि ‘असहिष्णुता’ का आरोप अपनी जगह पर सही है. दुनियाभर में ख्यातिप्राप्त एक पाकिस्तानी गज़ल गायक को जो अपने धरती पर सह नहीं सकते हैं वे अपने से दिगर धार्मिक आस्था रखने वालों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे इसकी सहज ही कल्पना की जा सकती है.