ब्रेन ट्यूमर वाले जीन का पता लगा
न्यूयार्क | एजेंसी: मस्तिष्क में होने वाले एक हानिरहित ब्रेन ट्यूमर के कारक एक ऐसे परिवर्तनकारी जीन का पता लगा है, जो स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. शोधकर्ताओं ने कहा कि नई खोज से उन्हें ट्यूमर के उपचार के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं में से ही कुछ निश्चित दवाओं का उपयोग कर इस दुर्लभ ट्यूमर का उपचार करने में मदद मिलेगी.
शोधकर्ताओं ने कहा, “अभी तक बार-बार सर्जरी और विकिरण के जरिए ही ट्यूमर का इलाज किया जाता है, जो काफी चुनौतीपूर्ण होता है.”
बीआरएएफ के रूप से जाना जाने वाला यह परिवर्तनकारीजीन पैपिलरी क्रैनियोफारीनजियोमस नामक ब्रेन ट्यूमर के हर नमूने में पाया गया.
दो तरह के क्रैनियोफारीनजियोमस का यह एक रूप है, जबकि दूसरी तरह के ट्यूमर का नाम एडमंटिनोमाट क्रैनियोफारीन जियोमस है. यह मस्तिष्क के आधार में पिट्यूटरी ग्रंथि, हैपोथेलेमस और ऑप्टिक तंत्रकाओं के नजदीक विकसित होता है.
पत्रिका ‘नेचर जेनेटिक्स’ में प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक पैपिलरी क्रैनियोफारीनजियोमस मुख्य रूप से वयस्कों में विकसित होता है, जबकि एडमंटिनोमाटस बच्चों में ज्यादा पाया जाता है.
शोधपत्र के सहायक वरिष्ठ लेखक सैंड्रो सेंटागटा ने कहा, “चिकित्सकीय दृष्टि से बीआरएएफ के पैपिलरी ट्यूमर में परिवर्तित होने की खोज काफी उत्साहजनक है, क्योंकि हम ऐसी दवाएं बना सकते हैं जो दिमाग में जाकर इसे विकसित होने से रोक सकती है.”
उन्होंने कहा, “इससे पहले ट्यूमर का कोई और इलाज नहीं था, सर्जरी और विकिरण पद्धति ही एक मात्र उपाय थी. अब इस खोज के बाद हम इसके इलाज के लिए प्रभावकारी दवा विकसित कर सकते हैं.”