आर्थिक गतिविधियों में तेजी का इशारा: बिड़ला
नई दिल्ली | एजेंसी: जीडीपी को ताजे आकड़ें से भारतीय उद्योग जगत अत्यंत उत्साहित है. फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, फिक्की के अध्यक्ष सिद्धार्थ बिड़ला ने कहा, “आंकड़ा स्वागत योग्य है और स्पष्ट रूप से आर्थिक गतिविधियों में तेजी की ओर इशारा करता है. इस रुझान को पूरी शिद्दत से जारी रखना होगा.” वहीं, भारतीय उद्योग परिसंघ के प्रबंध निदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने एक बयान जारी कर कहा, “विकास दर दो साल तक पांच फीसदी से नीचे रहने के बाद 5.7 फीसदी रहना ध्यान देने योग्य है और इससे भारतीय विकास की गाथा को बल मिलता है.”
उन्होंने कहा कि तेजी के वापसी के संकेत को पूरी तेजी में बदलने के लिए सरकार को सुधार के पथ पर चलते रहना चाहिए.
एसोचैम अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, “निश्चित रूप से यह उम्मीद से बेहतर है. आंकड़ा गत दो साल में सबसे बेहतर है और यह लाजवाब खबर है.”
गौरतलब है कि मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 5.7 फीसदी रही, जो पिछली नौ तिमाहियों में सर्वाधिक है. यह जानकारी शुक्रवार को जारी केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों से मिली. ताजा दर अनुमान से कुछ बेहतर है और इसे विकास की वापसी के एक और संकेत के रूप में देखा जा रहा है. सकल घरेलू उत्पाद विकास दर या आर्थिक विकास दर गत कारोबारी साल की चौथी तिमाही में 4.6 फीसदी रही थी. गत कारोबारी साल की प्रथम तिमाही में यह दर 4.7 फीसदी थी.
अप्रैल-जून में दर्ज 5.7 फीसदी विकास दर अक्टूबर-दिसंबर 2011-12 में दर्ज छह फीसदी दर के बाद सर्वाधिक है.
विनिर्माण क्षेत्र में तेजी और और खनन तथा निर्माण क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से प्रथम तिमाही में विकास दर उम्मीद से बेहतर रही.
आलोच्य तिमाही में कृषि विकास दर 3.8 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में चार फीसदी थी.
बिजली उत्पादन वृद्धि दर 10.2 फीसदी रही, जो एक साल पहले समान अवधि में 3.8 फीसदी थी.
निर्माण क्षेत्र में विकास दर 4.8 फीसदी रही, जो एक साल पहले 1.1 फीसदी थी.
आर्थिक विकास दर के बेहतर आंकड़े पर उद्योग जगत ने खुशी जताते हुए कहा कि ये आर्थिक तेजी की वापसी के संकेत हैं.