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बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ गैरजमानती FIR

रायपुर | संवाददाता: योग गुरु बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ रायपुर में गैरजमानती धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.यह एफआईआर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों की शिकायत पर की गई है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर राकेश गुप्ता, डॉक्टर विकास अग्रवाल, डॉक्टर आशा जैन और डॉक्टर अनिल जैन ने एक लिखित शिकायत में कहा है कि पिछले दिनों बाबा रामदेव द्वारा भारत देश के पूरे चिकित्सक समुदाय और भारतीय शासन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च सहित विभिन्न अग्रणी संस्थानों द्वारा निर्देशित और करीब पिछले सवा साल से भी ज्यादा से प्रयोग की जा रही करोना संक्रमण में प्रयुक्त दवाओं के बारे में दुष्प्रचार और धमकी वाले वक्तव्य से भरा वीडियो सोशल मीडिया में प्रचारित किया जा रहा है. ऐसे दो तीन वीडियो चलन में हैं.

डॉक्टरों ने इस तरह के कुछ वीडियो क्लिप के लिंक भी शिकायत में देते हुए कहा है कि पूरे देश का चिकित्सक और पैरामेडिकल सहित शासन प्रशासन के सभी अंग एक साथ मिल कर, कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ रहे हैं. ऐसे समय में बाबा रामदेव द्वारा कहे गए वीडियो में केंद्रीय महामारी एक्ट, शासन द्वारा दिशा निर्देशित नीतियों के बारे में राजद्रोह और दवाइयों के बारे में भ्रम पूर्ण वक्तव्य दिए जा रहे हैं.

बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ की गई शिकायत में कहा गया है कि चिकित्सकों के बारे में कहे गए शब्द मानहानिकारक, विद्वेष से भरे हुए, अपमानजनक और उनके जीवन को खतरे में डालने वाले हैं.चिकित्सा जगत के खिलाफ उकसाने वाली भाषा के इस्तेमाल से चिकित्सक वर्ग अनायास ही उपद्रवी तत्वों के निशाने पर आ जाएगा और देशभर में अशांति फैलने की आशंका है.

डॉक्टरों ने आशंका जताई है कि बाबा रामदेव की भ्रम पूर्ण जानकारी और वक्तव्य के कारण आधुनिक चिकित्सा पद्धति के प्रयोग से 90% से ज्यादा ठीक हो रहे मरीज आशंका की स्थिति में आ जाएंगे और उनकी जान को खतरा हो जाएगा. केंद्रीय महामारी एक्ट, राजद्रोह, दुष्प्रचार, विद्वेष की स्थिति निर्मिति के अलावा स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति आम जन को उकसाने की यह कार्रवाई भारतीय आईटी एक्ट का भी उल्लंघन है.

डॉक्टरों का कहना था कि बाबा रामदेव की इस हरकत से ना केवल पूरा चिकित्सक पैरामेडिकल वर्ग उद्वेलित आक्रोशित है बल्कि देश में विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करने में हतोत्साहित भी हो रहा है.

ऐसी स्थिति में डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ केंद्रीय महामारी एक्ट, राष्ट्रीय राजद्रोह, आईटी एक्ट, एलोपैथी दवाइयों और चिकित्सा पद्धति के संबंध में दुष्प्रचार व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों के प्रति आम जन को जान-माल की हानि के लिए उकसाने से संबंधित धाराओं में जुर्म दर्ज़ कर, गिरफ़्तारी की मांग की थी.

इसके बाद सिविल लाइन पुलिस ने बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 186, 188, 269, 270, 504, 505 (1), 51, 52 और 54 के तहत मामला दर्ज़ किया है.

पुलिस का कहना है कि इस मामले में शिकायतकर्ता चिकित्सकों को बयान के लिए बुलाया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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