खेल

फीफा: घाना से सावधान रहना होगा

रियो डी जनेरियो | एजेंसी: आगामी फीफा विश्व कप में ग्रुप-बी के बाद ग्रुप-जी को सबसे कठिन माना जा सकता है, क्योंकि इस ग्रुप में शामिल सभी देश पिछले विश्व कप में हिस्सा ले चुकी हैं. तीन बार की चैम्पियन जर्मनी, पुर्तगाल, घाना और अमरीका के बीच इस ग्रुप में कड़ी टक्कर होने की उम्मीद की जा रही है.

जर्मनी और पुर्तगाल की दिग्गज टीमों को भले ग्रुप जी से अंतिम 16 का प्रबल दावेदार माना जा रहा हो, लेकिन चार बार अफ्रीका कप ऑफ नेशंस जीत चुकी घाना और अमरीकी टीमें आसान प्रतिद्वंद्वी साबित होने वाली टीमें नहीं हैं.

सात बार विश्व कप के फाइनल में प्रवेश करने वाली जर्मनी अनुभवी मैनेजर जोएकिम लो के मार्गदर्शन में तेज-तर्रार खेल रणनीति वाली टीम है. जर्मनी के विंगर बास्टियन स्केवींस्टीगर और सैमी खेदिरा मिडफील्ड के सबसे तेज खिलाड़ियों में हैं, जो अग्रिम पंक्ति में मौजूद मेसूत ओजिल, मार्को र्यूज और थॉमस म्यूलर को और मजबूती प्रदान करते हैं.

लो के पास मिडफील्ड में उतारने के लिए सितारा खिलाड़ियों की कमी नहीं है, और यही उनकी सबसे बड़ी परेशानी भी होगी कि कौन सा विकल्प चुनें.

लो हालांकि विश्व कप की अपनी टीम में सिर्फ एक स्ट्राइकर के साथ ब्राजील पहुंचे हैं. दिग्गज स्ट्राइकर मिरोस्लाव क्लोसे विश्व कप में रोनाल्डो के सर्वाधिक 15 गोल के कीर्तिमान से सिर्फ एक गोल पीछे हैं.

जर्मनी पिछले एक दशक से लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीम है. विश्व की दूसरे नंबर की इस टीम में हालांकि इस बार रक्षापंक्ति थोड़ी कमजोर नजर आ रही है.

पुर्तगाल भी विश्व फुटबाल जगत में जर्मनी से किसी तरह कमतर टीम नहीं है. वर्ष के सर्वश्रेष्ठ फुटबाल खिलाड़ी चुने गए क्रिस्टियानो रोनाल्डो जैसे सितारा खिलाड़ी के नेतृत्व में पुर्तगाल एक सशक्त टीम नजर आ रही है.

पेपे और जोआओ मोटिन्हो जैसे बेहतरीन तेज-रफ्तार खिलाड़ियों के बावजूद पुर्तगाल में रोनाल्डो का साथ निभा सकने वाले एक और स्ट्राइकर की कमी जरूर खलती है. ऐसे में सारा भार रोनाल्डो पर रहेगा.

दोनों धुरंधर टीमों के बाद इस ग्रुप में जो टीम चौंकाऊ नतीजे देने की कुव्वत रखती है, वह है पिछले वर्ष क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली घाना. इससे पहले घाना अपने पदार्पण विश्व कप-2006 में सबको चौंकाते हुए अंतिम-16 तक पहुंचने में कामयाब रही थी.

घाना जैसी टीम भले विश्व कप जीतने का दावा लेकर ब्राजील न पहुंची हों, लेकिन वे किसी भी स्तर तक विपक्षी टीमों को चौंकाने का माद्दा जरूर रखते हैं.

विश्व कप-2006 में घाना का नेतृत्व कर चुके पूर्व कप्तान जेम्स क्वेसी एप्पैया का अनुभव इस बार टीम को मुख्य कोच के रूप में उपलब्ध है.

अमेरिकी टीम 1990 के बाद से अब तक हर विश्व कप में प्रवेश करने में तो जरूर सफल रही है, लेकिन 1930 में अपने पदार्पण टूर्नामेंट का प्रदर्शन वह दोहराने में नाकाम ही रही है.

सात विश्व कप की अनुभवी अमेरिका का सबसे मजबूत पक्ष उसकी रक्षापंक्ति है. दूसरी ओर अमेरिका के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले लैंडन डोनोवान इस बार विश्व कप टीम में शामिल नहीं किए गए हैं. कप्तान क्लिंट डेम्प्सी बेहतरीन फॉर्म में हैं और टीम के लिए सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हैं.

ग्रुप-जी का पहला मैच 16 जून को जर्मनी और पुर्तगाल के बीच होगा, तथा 26 जून को पुर्तगाल और घाना को बीच वाले मैच से समाप्त होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!