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अघोषित बिजली कटौती से किसान परेशान

रायपुर| संवाददाताः प्रदेश के किसान बिजली कटौती से परेशान हैं. लगातार घंटों बिजली बंद होने से किसान पानी का पम्प चला ही नहीं पा रहे हैं. नियमित रूप से पम्प नहीं चलने से सिंचाई का काम प्रभावित हो रहा है और खेत सूख रहे हैं. जबकि फसल को इन दिनों पर्याप्त पानी की आवश्यकता है.

दूसरी ओर बिजली विभाग के अधिकारी लोड बढ़ने का हवाला देकर हाथ खड़े कर रहे हैं.

प्रदेश से मानसून विदाई की तैयारी में है. जिसके चलते राज्य के कुछ एक स्थानों को छोड़कर अधिकांश हिस्सों में पखवाड़े भर से बारिश नहीं हुई है.

बारिश बंद होते ही तेज धूप निकल रही है. धूप के साथ उमस भी बढ़ी है. जिस वजह से खेत सूख गए हैं.

सूखे खेतों की प्यास बुझाने अब किसान कृषि पम्प व बोर से सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन बिजली कटौती के कारण ठीक से सिंचाई हो नहीं पा रही है.

लगातार बिजली कटौती, लाइन फाल्ट आने व लो-वोल्टेज की समस्या के कारण कृषि पम्पों का नियमित रूप से चलना नहीं हो पा रहा है.

बिजली विभाग के इस रवैये से किसानों में आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.

कुछ दिन पहले ही साजा,धमधा क्षेत्र में बिजली कटौती से परेशान होकर किसानों ने बिजली दफ्तर का घेराव किया था. यही स्थिति प्रदेश के और कई जिलों में है.

अभी चाहिए फसलों को पर्याप्त पानी

प्रदेश के अधिकांश किसान, अधिक दिनों में पकने वाली स्वर्णा किस्म की धान लगाते रहे हैं.

स्वर्णा धान वर्तमान में गभोट व दूध वाली अवस्था में है. इसी समय में धान की फसल को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है.

बाली निकलने से लेकर पकने तक, कम से कम अभी और 20 दिनों तक फसलों को पानी की जरूरत है.

इसी को देखते हुए किसान कृषि पम्प चलाकर खेतों की सिंचाई कर रहे हैं.

जिन किसानों के पास बोर की सुविधा नहीं है वे नदी, नाले, नहर से पानी खींच रहे हैं.

किसान रात जगा करने मजबूर

पावर कंपनी द्वारा तय की गई समय सीमा के अनुसार 24 घंटे में 18 घंटे बिजली देने का दावा किया जा रहा है. वहीं किसानों ने इस दावे को गलत बताते हुए कहा है कि उन्हें 24 घंटे में मात्र 5 से 6 घंटे ही बिजली मिल रही है.

किसानों ने बताया कि कई इलाके में तो बगैर किसी सूचना के ही बिजली बंद कर दी जाती है.

राज्य के कुछ इलाकों में कृषि पम्प के लिए बिजली देने के लिए रात 11 बजे से सुबह 8 बजे का समय तय किया गया है.

किसान इस समय को लेकर चिंतित हैं. उनका कहना है कि कृषि पम्प चलाने के लिए उन्हें रात भर जागना पड़ रहा है.

वितरण कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि आरडीएसएस स्कीम के तहत घरेलू और कृषि पम्म फीडरों को अलग-अलग किया जा रहा है. इसी कारण से सबको मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.

कृषि पंपों पर बढ़ा लोड

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से कृषि पम्पों पर लोड बढ़ गया है. जिसके चलते कृषि पम्प वाले फीडरों में बिजली की खपत बढ़ गई है.

किसान खेतों की सिंचाई करने के लिए दिन-रात पम्प चला रहे हैं.

लोड बढ़ने की वजह से फाल्ट भी ज्यादा आ रहे हैं.

इसी वजह से कृषि पम्पों को बिजली देने के लिए रोटेशन बनाया गया है. साथ ही घरेलू लाइन में भी लोड बढ़ा है.

उमस भरी गर्मी के कारण एसी, कूलर और पंखा के लगातार चलने से बिजली खपत बढ़ गई है.

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