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फिदेल कास्त्रो का निधन

नई दिल्ली | संवाददाता : दुनिया के महान वामपंथी नेता फिदेल कास्त्रो नहीं रहे. शनिवार को क्यूबा में 90 साल की उम्र में फिदेल कास्त्रों ने अंतिम सांस ली.

फिदेल कास्त्रो का जन्म 1926 में क्यूबा के फिदेल अलेजांद्रो कास्त्रो परिवार में हुआ था जो काफ़ी समृद्ध माना जाता था. फिदेल कास्त्रो ने हवाना विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री ली लेकिन वह अपने ख़ुद के ख़ुशहाल परिवार और बहुत से ग़रीबों के बीच के अंतर को देखकर बहुत घबराए और इस परेशानी की वजह से वह मार्क्सवादी-लेनिनवादी क्रांतिकारी बन गए.

1953 में उन्होंने क्यूबा के राष्ट्रपति फुलगेंसियो बतिस्ता की सत्ता के ख़िलाफ़ हथियार उठा लिए. जनक्रांति शुरू करने के इरादे से 26 जुलाई को फिदेल कास्त्रो ने अपने 100 साथियों के साथ सैंतियागो डी क्यूबा में सैनिक बैरक पर हमला किया लेकिन नाकाम रहे.

इस हमले के बाद फिदेल कास्त्रो और उनके भाई राउल बच तो गए लेकिन उन्हें जेल में डाल दिया गया. दो साल बाद उन्हें माफ़ी देते हुए छोड़ दिया गया लेकिन फिदेल कास्त्रो ने बतिस्ता शासन के ख़िलाफ़ अभियान बंद नहीं किया. यह अभियान उन्होंने मैक्सिको में निर्वासित जीवन जीते हुए चलाया. वहाँ उन्होंने एक छापामार संगठन बनाया जिसे “26 आंदोलन” का नाम दिया गया.

फिदेल कास्त्रो के क्रांतिकारी आदर्शों को क्यूबा में काफ़ी समर्थन मिला और 1959 में उनके संगठन ने बतिस्ता शासन का तख़्ता पलट दिया. बतिस्ता के शासन को भ्रष्टाचार, असमानता और अन्य तरह की परेशानियों का प्रतीक माना जाने लगा था.

जीवन
साल 1926: क्यूबा के ओरियेंटे प्रांत में जन्म हुआ.
साल 1953: क्यूबा के तत्कालीन शासक फुलखेंशियो बतीस्ता के ख़िलाफ़ असफल विद्रोह के बाद क़ैद किए गए.
साल 1955: सत्ता से समझौते के बाद जेल से रिहा किए गए.
साल 1956: चे ग्वेरा ने सरकार के ख़िलाफ़ गोरिल्ला अभियान छेड़ा.
साल 1959: कास्त्रो ने बतीस्ता को चुनाव में हराया. क्यूबा के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली.
साल 1962: तत्कालीन सोवियत संघ को क्यूबा में न्यूक्लियर मिसाइल की तैनाती की अनुमति दी.
साल 1976: क्यूबा की नेशनल असेंबली ने उन्हें राष्ट्रपति चुना.
साल 1992: क्यूबा शरणार्थियों को लेकर अमरीका के साथ समझौता किया.
साल 2008: सेहत ख़राब होने की वजह से राष्ट्रपति पद छोड़ा.
साल 2016: निधन.

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