शौचालय की कमी से गर्भ प्रभावित
भुवनेश्वर | एजेंसी: खुले में शौच करने जैसी अस्वास्थ्यकर दैनिक क्रियाकलाप भारत में महिलाओं के गर्भावस्था की परिस्थितियों को प्रभावित कर रहा है, जो समयपूर्व शिशुओं के जन्म के रूप में सामने आता है. यह जानकारी एक अध्ययन से सामने आई है. जर्नल ‘पीएलओएस मेडिसिन’ में प्रकाशित शोध में ओडिशा के दो ग्रामीण इलाकों का अध्ययन किया गया है.
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ के बिजय के.पढी और उनके सहयोगियों ने तीन माह की गर्भवती महिलाओं को इस अध्ययन से जोड़ा, जिसमें उनके शौच तथा साफ सफाई से जुड़े कार्यो का आंकड़ा शामिल किया गया तथा शिशु के जन्म तक उन पर नजर रखी गई.
उन्होंने पाया कि घर में शौचालय का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की अपेक्षा खुले में शौच करने वाली महिलाओं को गर्भावस्था के खतरनाक परिणाम से गुजरना होता है, या तो बच्चे का जन्म समय से पूर्व हो जाता है या फिर बच्चे का वजन काफी कम रहता है.
हालांकि, शोधकर्ताओं ने खुले में शौच करने वाली महिलाओं की परिस्थितियों के लिए गरीबी, सामाजिक स्तर, जाति को आधार माना, लेकिन उनके पास इसे गलत साबित करने वाले तथ्य भी थे, मसलन खुले में शौच करने की वजह कोई और हो सकती है, जिससे उसे गर्भावस्था के गंभीर परिणाम से गुजरना पड़ा.
शोधकर्ता तथा अमेरिका के नेब्रास्का विश्वविद्यालय की पिनाकी पानीग्रही ने कहा, “यह अध्ययन यह दिखाता है कि मातृत्व तथा शिशु स्वास्थ्य में एहतियात बरतने संबंधी शोध में महिलाओं के स्वास्थ्य में साफ सफाई महत्वपूर्ण आयाम है.”