बाज़ार

निवेश के लिये एफडीआई में ढ़ील

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिये एफडीआई नीति को और उदार बनाया जायेगा. बुधवार को सरकार की मंशा के स्पष्ट करते हुए केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि “सरकार आने वाले सप्ताहों में एफडीआई नीति के उदारीकरण के अपने रास्ते पर बढ़ती रहेगी, ताकि भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने में अपनी अग्रणी भूमिका बनाए रखे.”

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने पिछले वर्ष दूरसंचार, खुदरा व्यापार और नागरिक उड्डयन सहित विविध क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों का उदारीकरण किया है. हालांकि उनका देश में विरोध भी हो रहा है विशेष कर के खुदरा क्षेत्र में एफ़ीआई का प्रचंड विरोध किया गया था.

वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार की नीति से विदेशी निवेशकों को सही संकेत गया है और पिछले कुछ महीनों में देश में विदेशी पूंजी का काफी अधिक प्रवाह बना है.उन्होंने साथ ही कहा कि देश की औद्योगिक गतिविधियों में तेजी के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं.

उन्होंने कहा, “भारतीय अर्थव्यवस्था में आंतरिक ताकत है, जिसकी वजह से यह विदेशी दबाव से तेजी से उबर सकता है. साथ ही वित्तीय और चालू खाता के क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का सकारात्मक नतीजा मिला है.”

आनंद शर्मा ने आगे कहा कि व्यापार घाटा के साल के प्रथम आठ महीने में एक साल पहले के 129 अरब डॉलर से घटकर 99.9 अरब डॉलर तक आ जाने से भरोसा फिर से मजबूत हुआ है.

उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि मौजूदा कारोबारी साल की शेष अवधि में निर्यात में काफी वृद्धि होगी.” ज्ञात्वय रहे कि मनमोहन सिंह फ्रत्यक्ष विदेशी निवेश को उदार बनाने के पक्षधर शुरु से ही रहें है. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह ने अगली पंच वर्षीय योजना का जो खाका तैयार किया है उसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर भारी बल दिया गया है.

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