मिट्टी परीक्षण लैब का नहीं मिल रहा किसानों को लाभ
रायगढ़|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में एक करोड़ की लागत से बना सर्वसुविधायुक्त फर्टिलाइजर लैब में उद्घाटन के बाद से ताला लटका हुआ है. सेटअप के अभाव में इस मिट्टी परीक्षण लैब का होना नहीं होना यहां के लोगों के लिए एक समान है. लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी यहां के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. आज भी वे रायपुर पर निर्भर हैं.
रायगढ़ के बोईरदादर में बीज निगम के पास दो साल पहले 2021 में इस फर्टिलाइजर लैब को बनाया गया. लैब को सुचारू रूप से चलाने के लिए सारा सामान भी लगाया गया है.
लोकार्पण के बाद इस मिट्टी परीक्षण लैब को संचालित करने के लिए कृषि विभाग को सौंपा गया था. कृषि विभाग शुरुआत में गौठानों से जैविक खाद को लाकर उसकी गुणवत्ता की जांच भी कर रहा था. लेकिन सेटअप के अभाव में कुछ दिनों बाद ही इस लैब में ताला लटक गया. जो अभी तक खुल नहीं पाया है.
जबकि पिछली सरकार ने साल 2023 के बजट में यहां एक और लैब बनाने की स्वीकृति दी थी. लेकिन अब तक इसके लिए ना तो राशि मिली है और न ही आगे कोई कार्रवाई बढ़ी है.
सिर्फ डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त
विभागीय अधिकारियों की माने तो इस सर्वसुविधायुक्त फर्टिलाइजर लैब के संचालन के लिए करीब 20 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी और लैब टेक्निशियन की नियुक्ति होनी है.
लेकिन अभी तक सिर्फ एक डिप्टी डायरेक्टर की ही नियुक्ति हो पाई है.
बाकी स्टॉफ की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. जबकि भवन बनने के बाद यहां जांच संबंधी सभी मशीनें लग चुकी हैं.
कर्मचारियों के अभाव में काम शुरू नहीं हो पा रहा है.
दो संभागों को मिलेगा लाभ
रायगढ़ में बने फर्टिलाइजर लैब से दो संभाग अंबिकापुर और बिलासपुर को इसका लाभ मिलेगा.
अभी सभी संभाग के लोग मिट्टी परीक्षण के लिए रायपुर स्थित फर्टिलाइजर लैब पर निर्भर हैं.
यहां लोड अधिक होने के कारण रिपोर्ट आने में काफी देरी होती है.
रायगढ़ लैब के सुचारू रूप से चालू होने पर दोनों संभाग के लोगों को काफी राहत मिलेगी.
रिपोर्ट के लिए भी ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.