सिंचाई विभाग में फर्जी दस्तावेजों से भर्ती
जगदलपुर | एजेंसी: बस्तर संभाग के जल संसाधन विभाग में 2010-11 में हुई डाटा एंट्री आपरेटर के 35 पदों पर तथा स्टेनो टायपिस्ट के 5 पदों पर नियुक्ति हुई थी. उक्त पदों पर कौशल परीक्षा से लेकर नियुक्तियों तक में भारी अनियमितताएं बरती गई है.
सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी में मिले दस्तावेज के अनुसार परीक्षा उत्तरपुस्तिका पर किसी प्रकार का कोड नंबर नहीं था. न ही परीक्षा हाल में उत्तर पुस्तिका में किसी सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर हैं, उत्तर पुस्तिकाओं में अंकों की कांट-छांट तक नजर आ रही है. भर्ती में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, नियुक्ति पत्र के डिस्पेच में गड़बड़ी करने में सिंचाई विभाग ने बदइंतजामी के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं.
इस बारे में अंतत: दो वर्षों बाद पिछड़ा वर्ग आयोग अब जांच के लिए आगे आया है. जांच के लिए दो सदस्यीय टीम सोमवार को पालीटेक्निक पहुंची. सिंचाई विभाग में डाटा एंट्री आपरेटर के 35 पदों पर तथा स्टेनो टायपिस्ट के 5 पदों पर नियुक्ति हुई थी.
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पालीटेक्निक में हुई कौशल परीक्षा में जो उत्तर पुस्तिका में परीक्षार्थियों के पूरे विवरण यथा नाम, रोल नंबर अंकित नहीं हैं. उनके हस्ताक्षर भी उपस्थिति पत्रक से मेल नहीं खा रहे हैं. किसी भी प्रभारी अधिकारी का उत्तर पुस्तिका में हस्ताक्षर नहीं है.
इसी तरह चयनित अभ्यर्थियों ने जो अनुभव प्रमाणपत्र दिए हैं उसमें कार्यालय में कार्य अवधि, जारी करने वाले अधिकारी का नाम, प्रमाणपत्र जारी करने तारीख, आवक-जावक संख्या का उल्लेख तक नहीं है.
एक अभ्यर्थी अरूणा पटेल को उत्तर पुस्तिका में कांटछांट कर योग्य बताया गया है. इसमें परीक्षार्थी के तौर पर अरूणा के हस्ताक्षर भी अलग-अलग नजर आए. यहां तक कि कई उत्तर पुस्तिकाओं में मूल्यांकनकर्ताओं के हस्ताक्षर तक नहीं हैं. अनुभव प्रमाण में कब से कब तक कार्य कर रहे हैं इसे नहीं दर्शाया गया है.
कार्यालय मुख्य अभियंता महानदी परियोजना जल संसाधन विभाग द्वारा मार्च 2013 में जारी नियुक्ति पत्र में अभ्यर्थियों के नाम तो हैं लेकिन किसी का भी पता दर्ज नहीं किया गया है. यही नहीं नियुक्ति के बारे में कई संबंधित प्रशासनिक विभागों को प्रतिलिपियां तक नहीं प्रेषित की गई हैं.
महानदी परियोजना जल संसाधन विभाग द्वारा जारी इन पत्रों जिनमें चयन सूची, पदस्थापना के लिए एक ही दिनांक में जारी कर दिया है. इसमें दावा आपत्ति के लिए कोई समय नहीं दिया गया है. इन नियुक्तियों में कुछ चहेतों को लाभ पहुंचाने की बात शिकायतकर्ता ने कही है.