राष्ट्र

वोटिंग मशीन में गड़बड़ी?

नई दिल्‍ली| समाचार डेस्क: तो क्या भारत में वोटिंग मशीन में गड़बड़ी हो सकती है ? भारत में मतदान और मतगणना की प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की अहम भूमिका है. ऐसे में लोकसभा चुनावों के नतीजे आने से ऐन पहले अमरीका की न्‍यूज वेबसाइट हफिंगटनपोस्‍ट.कॉम ने भारत में ईवीएम की अविश्‍वसनीयता के बहाने भारतीय चुनाव प्रक्रिया की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया है.

इस वेबसाइट पर रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स की असोसिएट फेलो क्लियो पास्‍कल के लिखे आर्टिकल में दावा किया गया है कि 2009 में भारत में हुए आम चुनाव के नतीजों में गड़बड़ी की आशंका है. वहीं, भाजपा नेता सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी ने भी गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि इस बार के चुनाव में 25 से 40 सीटों पर इवीएम मशीनों में धांधली हुई है, लेकिन नरेंद्र मोदी की आंधी की वजह से एनडीए बहुमत पाने में कामयाब रहेगा. बता दें कि स्‍वामी काफी पहले से ईवीएम की विश्‍वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं और इस मामले में उन्‍होंने अदालत का भी दरवाजा खटखटाया है.

इसके बाद सुब्रह्मण्‍यम स्‍वामी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया कि ईवीएम पर वोटिंग के बाद मतदाता को एक पर्ची देना अनिवार्य होगा. आम चुनाव 2014 में 543 में से सिर्फ 8 पर वोटिंग के कनफर्मेशन की पर्ची देने की सुविधा थी. इसके अलावा, कई जगह ईवीएम मशीनों में खराबी की बात सामने आई. ये भी खबरें आईं कि एक जगह वोटिंग के दौरान हर वोट कांग्रेस के पक्ष में जा रहा था. इसके अलावा, कई जगह त्रुटिपूर्ण वोटर लिस्‍ट की समस्‍या भी सामने आई, जिसकी वजह से लाखों लोग वोट नहीं डाल पाए.

वेबसाइट हफिंगटनपोस्‍ट में आये आलेख के अनुसार तमाम एग्जिट पोल में नरेंद्र मोदी की जीत की संभावनाएं जरूर जताई जा रही हैं, लेकिन उनके राह में रोड़ा अटकाने वाली इकलौती चीज ईवीएम मशीन है. आर्टिकल के मुताबिक, भारत में ईवीएम मशीनों की विश्‍वसनीयता पर पहली बार सवाल 2009 में उस वक्‍त उठा, जब भारत के चुनाव आयोग की वेबसाइट से जुड़े कुछ चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए.

उस समय भी पुणे शहर के मुख्‍य सूचना अधिकारी डॉ अनुपम सराफ और मणिपाल एडवांस्‍ड रिसर्च ग्रुप के एम डी नालापट को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कुछ ऐसे फाइल्‍स मिले, जिनसे ऐसा अंदेशा हुआ कि वोट डालने और गिने जाने से काफी पहले ही नतीजे वेबसाइट पर दिखाए जाने लगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!