कलारचना

नैतिकता के झंडाबरदार ‘अलीगढ़’ देंखे

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा है कि नैतिकता के झंडाबरदार होने का दावा करने वालों को फिल्म ‘अलीगढ़’ जरूर देखनी चाहिये. यह फिल्म एक प्रोफेसर की समलैंगिकता के प्रति झुकाव तथा आखिरकार उसके कारण विश्वविद्यालय के कैंपस से निकाले जाने की सच्ची घटना पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि भारत में सामाजिक तौर पर समलैंगिक संबंधों को घृणा तथा तिरस्कार की दृष्टि से देखा जाता है. उधर, दुनिया के देशों ने समलैंगिक विवाह की अनुमति दे रखी है. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ जैसी चर्चित फिल्म के निर्देशक अनुराग कश्यप ने कहा है कि जल्द ही रिलीज होने जा रही फिल्म ‘अलीगढ़’ को लोगों को देखना चाहिए. खासकर, उन लोगों को तो जरूर देखना चाहिए जो नैतिकता का झंडा उठाकर चलते हैं.

फिल्म की बुधवार को स्क्रीनिंग के मौके पर कश्यप ने कहा, “सभी को यह फिल्म देखनी चाहिए. नैतिकता के झंडाबरदारों को तो खासकर.”

उन्होंने फिल्म की शान में कसीदे पढ़े. कश्यप ने कहा, “सभी का काम अद्भुत है. यह फिल्म एक अलग ही स्तर की है. मनोज वाजपेयी एक बहुत ऊंचे स्तर पर इस फिल्म में पहुंच गए हैं. लाजवाब है यह फिल्म.”

‘अलीगढ़’ भारतीय भाषाविद् और लेखक श्रीनिवास रामचंद्र सिरस के जीवन पर आधारित है. उन्हें उनके यौन झुकाव की वजह से उनकी नौकरी से निकाल दिया गया था.

मनोज ने सिरस की भूमिका निभाई है. अभिनेता राजकुमार राव फिल्म में ऐसे पत्रकार बने हैं जिनकी इस मामले में दिलचस्पी है और जो सिरस की भावनाओं को समझते हैं.

कश्यप ने कहा, “यह मनोज वाजपेयी का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है. मैं अभी तक उनकी परफार्मेस से बाहर नहीं निकल सका हूं. मैं इस पर ज्यादा कुछ कह नहीं सकता.”

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