पर्यावरणविद् पचौरी पर मुकदमा चलेगा
नई दिल्ली | समाचार डेस्क: पर्यावरणविद आरके पचौरी पर यौन उत्पीड़न का मुकदमा चलेगा. दिल्ली एक अदालत ने उन्हें अगली सुनवाई में उपस्तित होने का आदेश दिया है. पचौरी पर अपने मातहत सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप साल 2015 में लगा था जिसके बाद उन्हें संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन के समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. पचौरी टेरी के महानिदेशक के पद से भी अवकाश पर चले गये. अदालत का मानना है कि उऩके खिलाफ मामला चलाने के लिये पर्याप्त सामग्री है. पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी के खिलाफ दायर आरोप-पत्र का यहां की एक अदालत ने शनिवार को संज्ञान लिया. अदालत ने पाया है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के तहत मामला चलाने के लिए पर्याप्त सामग्री है. पचौरी पर ‘द इनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’, टेरी की एक सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है.
दिल्ली पुलिस ने टेरी के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष पचौरी पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं. इनमें महिला की शालीनता भंग करने की मंशा से की गई अश्लील हरकत (354 ए), महिला का शीलहरण करने के इरादे से उस पर हमला या बल प्रयोग करना (354 बी), यौन उत्पीड़न, पीछा करना (354डी), गलत ढंग से सख्ती बरतने (341), आपराधिक धमकी और महिला की शील का अपमान करने के इरादे से शब्द, इशारा या काम करने से जुड़ी धारा (509) शामिल हैं.
महानगर दंडाधिकारी शिवानी चौहान ने आरोप-पत्र पर विचार किया. उन्होंने आपराधिक धमकी से जुड़ी आईपीसी की धारा 506 के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया.
अदालत ने कहा, “उनके खिलाफ ऐसे कई आरोप हैं कि शिकायतकर्ता पर उन्होंने कई अवसरों पर अश्लील टिप्पणियां कीं. शिकायतकर्ता की ओर से इसमें कोई रुचि नहीं होने और विरोध का संकेत करने के बावजूद कई अवसरों पर उन्होंने शिकायतकर्ता को अनुचित ढंग से स्पर्श किया. उन्होंने अनुचित एसएमएस, वाट्सएप संदेश और ईमेल शिकायतकर्ता को भेजा.”
अदालत ने कहा, “अगली सुनवाई की तिथि को आरोपी को बुलाया जाए.”
इसके बाद अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 11 जुलाई तारीख तय कर दी. आरोप पत्र की प्रति पचौरी को अगली सुनवाई की तिथि को मुहैया कराई जाएगी.
पुलिस ने अभियोजन पक्ष में करीब 23 गवाहों व अभियुक्त और पीड़िता के बीच के कई अवतरण, ईमेल और वाट्सएप संदेशों का उल्लेख किया है.
पचौरी पर महिला सहकर्मी का यौन उत्पीड़न करने का 2015 में आरोप लगा था. इसकी वजह से उन्हें पिछले साल फरवरी में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था. आरोप लगने के बाद वह टेरी से भी अवकाश पर चले गए थे. पचौरी तब टेरी के महानिदेशक थे.
पिछले साल जिस महिला शोधकर्ता ने पचौरी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, उसने गत नवंबर में अपने साथ खराब व्यवहार का आरोप लगाते हुए टेरी से इस्तीफा दे दिया. हालांकि, टेरी ने इस आरोप से इनकार किया है.
गत आठ फरवरी को पचौरी को इस संस्थान का कार्यकारी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. इसकी बहुत आलोचना होने के बाद टेरी ने 12 फरवरी को उन्हें अनिश्चितकाल के लिए अवकाश पर भेज दिया.