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महाशक्ति बनने के लिये महिलाओं को सशक्त करो

भोपाल | एजेंसी: कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत को महाशक्ति बनने के लिये महिलाओं को शक्ति देनी होगी. उन्होंने भोपाल में सोमवार को कहा कि देश के महाशक्ति बनने से पहले जरूरी है कि महिलाओं का सशक्तीकरण हो.

भोपाल के मिंटो हाल के बाहर लगी महिलाओं की चौपाल में राहुल ने कहा कि महिलाओं को किसी की सुरक्षा की नहीं, बल्कि अधिकार देकर सशक्त बनाने की जरूरत है. इसलिए महिलाओं को सबसे पहले अधिकार देना होगा.

उन्होंने कहा कि अधिकार संपन्न होने पर महिलाओं को किसी की ओर ताकना नहीं पड़ेगा. वे योग्यता और दक्षता में किसी से कम नहीं हैं तो अधिकार लेने में पीछे क्यों रहें.

राहुल गांधी ने महिलाओं से सवाल किया, “कभी न कभी आपको यह महसूस हुआ होगा कि आपको दबाया जा रहा है. महसूस हुआ या नहीं?” इस पर अधिकांश महिलाओं की ओर से उन्हें ‘हां’ में जवाब मिला. राहुल ने कहा कि कभी आपको कभी घर में दबाया गया होगा तो कभी बस में यात्रा के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ा होगा.

महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की अमेठी की एक घटना का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि महिलाओं को बराबरी का दर्जा नहीं मिल पाया है, वे योग्यता के मामले में बराबर हैं, मगर अब भी पीछे खड़ी हैं. यह स्थिति बदलनी है.

राहुल ने बताया कि उन्होंने अमेठी में एक आदमी को अपनी पत्नी को बाल पकड़कर पीटते हुए देखा था और उसका एक महिला ही सहयोग कर रही थी. जब पुरुष से पूछा कि वह ऐसा क्यों कर रहा है तो उसका जबाव था कि आज इसने खाना नहीं बनाया है, इसलिए उसे सजा दे रहा है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पुत्र राहुल ने अपने बचपन को याद करते हुए कहा, “मेरी दादी मेरे घर की बॉस थीं. मेरे घर में चाचा व पिताजी थे, मगर बॉस दादी थीं. मुझे इन बातों से कुछ लेनादेना नहीं था, मगर तब भी मेरे मन में एक बात जरूर उठती थी कि महिला व पुरुष सब बराबर हैं.”

राहुल गांधी सोमवार की दोपहर दिल्ली से विशेष विमान से भोपाल पहुंचे. विमानतल से वे सीधे मिंटो हाल गए और वहां चौपाल लगाकर महिला प्रतिनिधियों की बात सुनी.

मालूम हो कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किए जा रहे पार्टी के घोषणापत्र में हर वर्ग का मुद्दा शामिल करना चाहती है. इसी सिलसिले में जनता की राय लेने के लिए विचार-विमर्श का दौर चलाए हुई है. भोपाल में राहुल की चौपाल इसी कवायद का हिस्सा थी, जिसमें देश की नामचीन महिला प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. कांग्रेस ने संभवत: पहली बार जनता की राय लेना जरूरी समझा है. चर्चा है कि कांग्रेस ने यह सीख आम आदमी पार्टी से ली है.

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