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सुरक्षा परिषद की आपात बैठक

सियोल | समाचार डेस्क: उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन बम परीक्षण के बाद सुरक्षा परिषद ने आपात बैठक बुलाई है. यह बैठक भारतीय समयानुसार रात साढ़े नौ बजे के करीब होगी. इसी के साथ दुनिया पर फिर से आणविक हथियारों को लेकर होड़ शुरु होने की आशंका है. उत्तर कोरिया के इस कदम के बाद दक्षिण कोरिया कौन सा फैसला लेता है उस पर दुनिया की नज़र टिकी हुई है. खबरों के अनुसार दक्षिण कोरिया ने अपने मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है. दक्षिण कोरिया ने सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी है.

शीत युद्ध के समाप्ति के बाद उत्तर कोरिया के इस कदम से फिर से तनाव बढ़ने के आसार हैं. आखिरकार उत्तर कोरिया के किम जोंग-उन क्या करना चाहते हैं यह भी राजनीतिक तौर पर स्पष्ट नहीं है. जाहिर है कि दक्षिण कोरिया से आगे बढ़ने की होड़ में उन्होंने युद्धोन्माद फिर से भड़का दिया है जिसके नतीजे विश्व शांति के विपरीत हो सकते हैं. इससे उत्तर कोरिया के साथ दक्षिण कोरिया के तनाव बढ़ेगे यह तय है.

अमरीका की दक्षिण कोरिया के साथ जो संबंध है उससे चलते वह भी इस तनाव में कूद पड़े तो कोई अचरज न होगा. कुल मिलाकर किम जोंग-उन के इस कदम से क्षेत्र में अमरीकी हस्तक्षेप के लिये और रास्ता खुल गया है. सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद ही आगे के घटनाक्रम का अंदाजा लगाया जा सकता है.

उल्लेखनीय है कि उत्तर कोरिया ने बुधवार को एक हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण की घोषणा की. उसके इस कदम की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है. सुबह में उत्तर कोरिया में भूकंप आने की खबर जंगल की आग की तरह फैली, लेकिन कुछ ही घंटों बाद मीडिया रिपोर्टों में ऐसे कयास लगाए गए कि परमाणु परीक्षण स्थल के करीब आया भूकंप ‘अप्राकृतिक’ था.

समाचार संस्था ‘योनहाप’ की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया ने एक विशेष घोषणा में कहा कि उसने एक हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया है.

योनहाप के अनुसार, बम परीक्षण स्थानीय समयानुसार सुबह 10 बजे किया गया. परीक्षण ‘पूरी तरह सफल’ रहा और इसके साथ ही उत्तर कोरिया ने हाड्रोजन बम के साथ परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच अपनी जगह बना ली है.

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करार दिया.

उप विदेश मंत्री लिम संग-नाम ने कहा, “उत्तर कोरिया का उकसावा साफ तौर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है.”

उत्तर कोरिया द्वारा हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने की घोषणा किए जाने के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी सेना को सर्तक कर दिया है और उत्तर कोरिया की निगरानी बढ़ा दी है.

उत्तर कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “इस स्थिति को लेकर दक्षिण कोरिया एवं अमरीका आपस में सहयोग कर रहे हैं.”

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क ग्युन-हे सियोल में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद पर एक बैठक की अध्यक्षता करेंगी.

वहीं, व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि वह उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम के सफल परीक्षण के दावे की पुष्टि नहीं कर सकता. उसने उत्तर कोरिया द्वारा संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के उल्लंघन की निंदा की.

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि ‘हम लगातार स्पष्ट करते आए हैं कि हम उत्तर कोरिया को एक परमाणु राष्ट्र के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे. हम दक्षिण कोरिया सहित हमारे सभी मित्र राष्ट्रों की हिफाजत करते रहेंगे और उत्तर कोरिया के सभी उकसावों का समुचित तरीके से जवाब देंगे.’ राजनीतिक प्रक्षकों की नजर इस पर भी है कि व्हाइट हाउस की घोषणा के बाद उत्तर कोरिया का रुख़ क्या होता है? संक्षेप में किम जोंग-उन ने विश्व शांति के लिये खतरे की घंटी बजा दी है.

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