करंट से हाथियों की मौत पर हाईकोर्ट की नोटिस
बिलासपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बिजली के करेंट से 32 हाथियों की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी किया है. एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश टी.बी.एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति शरद कुमार गुप्ता की पीठ ने सचिव वन विभाग, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी), मैनेजिंग डायरेक्टर, छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी तथा डायेक्टर प्रोजेक्ट ऐलीफेन्ट पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी किया है.
रायपुर के वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी की इस याचिका में बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में 2005 से मार्च 2017 तक 103 हाथियों की मौतें हुई जिसमें से 34 मौते बिजली करेंट से हुई है. इन 34 मौतों में कुछ मौते हाथियों के क्षेत्र में विद्युत लाइन अत्यंत नीचे होने के कारण व कुछ मौतें ग्रामीणों द्वारा तारों में विद्युत प्रवाह करने के कारण हुई है. धरमजयगढ़ वन मंडल के नारंगी वन क्षेत्र में अत्यंत नीचे होकर गुजर रही 11000 वोल्टेज हाईटेंशन लाईन को ठीक करने के लिये वन विभाग 2012 से छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी को पत्र लिख रहा था, जहां पर पानी पीने के लिये तालाब की मेड़ पर चढ़ रहे हथिनी के सिर का हाईटेंशन लाइन छू जाने से मौत हो गई थी. 23 जनवरी 2015 को राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में भी हाथियों की करेंट से मौतों पर चर्चा हो चुकी है.
गौरतलब है कि भारतीय विद्युत नियमों के अनुसार 650 वोल्ट से 33 के.वी. लाईन की उंचाई 6.1 मीटर होनी चाहिये. 33 के.वी. से अधिक की ऊंचाई 6.1 मीटर से अधिक होगी जिसमें प्रत्येक 33 के.वी. के लिये 0.3 मीटर ऊंचाई बढ़ती जावेगी.
याचिका में मांग की गई है कि हाथियों को बिजली करेंट से बचाने के लिये हाथी रहवासी वनों में विद्युत लाइनों को हाथी क्षेत्रों के लिये निर्धारित मानक दूरी तक ऊंचा करने हेतु निर्देशित किया जाये.