छत्तीसगढ़

हाथी प्रभावित बूथों पर सुबह 10 बजे तक 65% मतदान

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ के लोकसभा चुनाव में कई हाथी प्रभावित इलाको में सुबह 10 बजे ही 65 फीसदी से अधिक मतदान हो चुका था. दोपहर बाद इन केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहा.

छत्तीसगढ़ के तीसरे और अंतिम चरण में जिन सात सीटों पर मतदान हुआ, उनमें कोरबा, सरगुजा और रायगढ़ ऐसे इलाके हैं, जहां के 20 विधानसभा क्षेत्र हाथी प्रभावित हैं. इनमें से आधे विधानसभा क्षेत्र में हाथियों का दल लगातार अभी भी विचरण कर रहा है.

यही कारण है कि वन विभाग ने गंभीर रुप से हाथी प्रभावित इलाकों में मतदाताओं से दोपहर से पहले मतदान की अपील की थी. इस अपील का असर भी हुआ.

हाथी प्रभावित बूथों पर सुबह दस बजे तक आधे से अधिक मतदाताओं ने अपना मतदान कर लिया था.

ग्रामीणों का भी कहना था कि इन इलाकों में शाम होने से पहले ही हाथियों का दल पहुंच जाता है. ऐसे में हाथियों से टकराव से बचने के लिए दोपहर से पहले ही मतदान की कोशिश की गई.

प्रभावित इलाके

सरगुजा लोकसभा के अंबिकापुर, सीतापुर और लुंड्रा तो हाथी प्रभावित हैं ही, प्रेमनगर, भटगांव, सामरी, रामानुजगंज और प्रतापपुर में भी हाथियों से टकराव की स्थिति बनती रही है.

इसी तरह कोरबा के पाली तानाखार और रामपुर में हाथियों से टकराव आम है. कोरबा के 61 मतदान केंद्र ऐसे थे, जहां मानव-हाथी द्वंद्व की समस्या गंभीर है.

रायगढ़ लोकसभा में तमनार के 30 गांव और लैलूंगा के 22 गांव में हाथियों की आमदरफ्त को देखते हुए सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई थी. सारंगढ़ में 60 मतदान केंद्र हाथी प्रभावित हैं.

धरमजयगढ़ के अधिकांश इलाकों में हाथियों का प्रभाव रहा है. यहां के कम से कम 70 मतदान केंद्र हाथी प्रभावित थे.

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