चेन्नई में पेयजल, बिजली संकट
चेन्नई | समाचार डेस्क: बारिश तथा बाढ़ के बाद चेन्नई में बिजली, पेयजल का संकट बना हुआ है. बिजली भी कुछ इलाकों में ही दुरस्त की जा सकी है. बिजली न होने से अस्पतालों में मरीज परेशान हो रहें हैं. बारिश के कारण बाढ़ की मार झेल रहे तमिलनाडु के लोगों की परेशानी रुक-रुक कर हो रही बारिश और काले मेघों तथा बिजली कड़कने की आवाजों ने बढ़ा दी है. एक तरफ जहां लोगों के लिए पेयजल का भारी संकट पैदा हो गया है, वहीं कई जगहों पर राहत न मिलने से लोगों में आक्रोश पैदा हो गया है.
इसी बीच, यातायात संपर्को को धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है, जबकि एक सरकारी बयान के मुताबिक 11.53 लाख लोगों को बचाया जा चुका है, और उन्हें 5,009 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
मैलापुर, अडयार व अन्नासलाई जैसे इलाकों में जहां जलस्तर में कमी आई है और बिजली आपूर्ति भी आंशिक तौर पर बहाल कर दी गई है, वहीं इससे अलग उत्तरी चेन्नई के कई पॉकेट में बिजली नहीं है.
वेस्ट माम्बलम निवासी रेवती वासन ने कहा, “अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की भी अफवाह है, जिससे हमारी चिंता और बढ़ गई है.”
उन्होंने कहा कि उनके इलाके में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की गई है. उनके अपार्टमेंट के आसपास और सड़कों पर भी पानी भर गया है.
उत्तरी चेन्नई के कोरूक्कुपेट में एक निवासी ने शिकायत की कि सरकार या किसी राजनीतिक दल की तरफ से कोई भी व्यक्ति उनके इलाके में मदद के लिए नहीं आया.
चेन्नई व उसके उपनगरों में बीते एक महीने में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई है, जिसके कारण 325 लोग काल के गाल में समा चुके हैं.
कुछ इलाकों में हालांकि शनिवार सुबह दुकानें खुलने के बाद दूध की आपूर्ति बहाल हो गई है.
अडयार के एक स्थानीय निवासी लक्ष्मण ने कहा, “हमारे अपार्टमेंट के पास की दुकानों पर दूध साधारण दामों पर मिल रहे हैं, लेकिन पीने का पानी काफी महंगा है.”
दक्षिण रेलवे ने शनिवार को चेन्नई बीच स्टेशन से बेंगलुरू के लिए विशेष ट्रेन सेवा शुरू करने की घोषणा की.
बेंगलुरू से चेन्नई बीच रेलवे स्टेशन के लिए विशेष ट्रेन सेवा छह दिसंबर को शुरू होगी.
वहीं, एक अधिकारी ने कहा कि चेन्नई में पिछले तीन दिनों से फिशकार्ट और दोपहिया वाहनों से मरीजों को अस्पताल ले जाया जा रहा है.
अपोलो हॉस्पिटल्स इंटरप्राइज लिमिटेड के दक्षिणी क्षेत्र के चिकित्सीय सेवाओं एवं गुणवत्ता की निदेशक एन.सत्यभामा ने शुक्रवार को कहा कि बाढ़ और बिजली कटौती से प्रभावित अन्य अस्पतालों से भी मरीजों को यहां लाया जा रहा है.
सत्यभामा ने कहा, “कुछ मरीजों को यहां फिशकार्ट से लाया गया है. एक व्यक्ति को उसका भाई मोटरसाइकिल से अस्पताल लेकर आया, क्योंकि बाढ़ की वजह से आवागमन के यही साधन रह गए हैं.”
उन्होंने बताया कि शहर में अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपने मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित नहीं किया है, जबकि अन्य अस्पतालों से 36 मरीज यहां लाए गए हैं.
सत्यभामा ने बताया कि अस्पताल के एक ब्लॉक में पिछले 57 घंटे से और अन्य में 69 घंटे से बिजली की आपूर्ति बाधित है और जेनरेटर की मदद से बिजली उपयोग में लाई जा रही है.
तमिलनाडु स्वास्थ्य सचिव जे.राधाकृष्णन के मुताबिक, चेन्नई स्थित एमआईओटी अस्पताल से 196 मरीजों को अन्य अस्पतालों में स्थानांतरित किया गया है.
बिजली आपूर्ति बाधित होने की वजह से एमआईओटी के गहन चिकित्सा कक्ष में दो और तीन दिसंबर के बीच 14 मरीजों की मौत हो चुकी है.
सरकारी रोयापेट्टा अस्पताल व श्री रामचंद्र अस्पताल में भी बाढ़ प्रभावित अस्पतालों से मरीजों को लाया जा रहा है.
इसी बीच, एक राजनीतिक युद्ध उस वक्त छिड़ गया, जब राहत समाग्रियों पर ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक मुनेत्र कड़गम सदस्यों ने मुख्यमंत्री जे.जयललिता की तस्वीरें चिपकाने के कथित तौर पर प्रयास की खबरें आईं.
इस कदम की आलोचना करते हुए पीएके नेता एस रामदॉस ने कहा, “सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों की राहत कार्यो में दिलचस्पी नहीं है, बल्कि वे प्रचार करने में दिलचस्पी ले रहे हैं.”
वन मंत्री एम.एस.एम.आनंदन ने हालांकि संवाददाताओं से कहा कि केवल एआईएडीएमके द्वारा भेजी गई राहत सामग्री पर ही स्टिकर चिपकाए गए हैं, अन्य संगठनों की सामग्रियों पर नहीं.
भारतीय सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने भी हालात की समीक्षा की और राहत प्रयासों का जायजा लिया.