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छत्तीसगढ़ ने 11.27 रुपये की दर से भी ख़रीदी बिजली

रायपुर | संवाददाता: छत्तीसगढ़ में बिजली कटौती का रिकार्ड टूटने के बाद सरप्लस पावर स्टेट का दर्जा तो छीन ही गया है. अब निजी कंपनियों से बिजली खरीदी के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं.

राज्य सरकार के इन आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य सरकार ने बिजली की आपूर्ति के लिए निजी कंपनियों से प्रति यूनिट बिजली के लिए 10 और 11 रुपये तक की औसत दर से भुगतान किया है.

छत्तीसगढ़ पिछले कई सालों से बिजली के मामले में सरप्लस स्टेट माना जाता रहा है. लेकिन हाल के आंकड़ों ने राज्य को इस श्रेणी से बाहर कर दिया.

राज्य सरकार की छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने 2020-21 में 76 अलग-अलग संस्थाओं से बिजली ख़रीदी. जिसके लिए अरबों रुपये का भुगतान किया गया.

राज्य सरकार ने सर्वाधिक बिजली एनटीपीसी से ख़रीदी, जिसके लिए 3.83 प्रति यूनिट की औसत दर से 4302.67 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया.

दूसरी निजी कंपनियों से भी सरकार ने इसी तरह कई अरब रुपये की बिजली ख़रीदी.

राज्य सरकार ने मेसर्स जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, प्रकाश इंडस्ट्रीज लिमिटेड, मोनेट इस्पात जैसी संस्थाओं से जहां राज्य सरकार औसतन 1.3 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली ख़रीदी तो NVVNL के माध्यम से सोलर बंडल पावर से प्रति यूनिट के लिए 10.72 रुपये का भुगतान किया गया.

सोलर बंडल पावर से प्रति यूनिट 10.72 रुपये की दर से बिजली ख़रीदी के एवज में राज्य सरकार ने इस कंपनी को 38.07 करोड़ रुपये का भुगतान किया.

इसी तरह 2021-22 में 80 संस्थाओं से बिजली ख़रीदी.

2021-22 में भी राज्य सरकार ने बिजली के लिए सोलर बंडल पावर को प्रति यूनिट बिजली के लिए 11.27 रुपये का भुगतान किया.

दिसंबर 2021 तक इस कंपनी को 28.64 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका था.

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