31 को हो सकता है चुनावी तारीख का ऐलान
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण के बाद अब आदर्श आचार संहिता की गाइडलाइन जारी कर दी है. इसी के साथ अब यह तय हो गया है कि जल्द ही चुनाव घोषणा होने वाली है. 30 दिसंबर तक आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग 31 दिसंबर को चुनाव की तिथियों की घोषणा कर सकता है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार 31 दिसंबर को चुनाव तिथियों की घोषणा नहीं करती है तो चुनाव की प्रक्रिया लंबी खिंच जाएगी. क्योंकि 1 जनवरी से साल बदल जाएगा और नई मतदाता सूची पर काम शुरू हो जाएगा.
इसलिए राज्य निर्वाचन आयोग को इससे पहले चुनावी कार्यक्रम का ऐलान करना होगा.
गाइडलाइन में कई महत्वपूर्ण निर्देश
चुनाव की तैय़ारियों के बीच सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने आचार संहिता की गाइडलाइन जारी की है.
14 पेज की इस गाइडलाइन में चुनाव की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू करने का उल्लेख किया गया है.
इसके तहत सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं.
साथ ही प्रत्याशियों के अलावा शासकीय कर्मचारियों के लिए अलग से आदर्श आचार संहिता की पुस्तिका जारी की है.
आचार संहिता लागू होते ही शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों का अवकाश स्वीकृत नहीं होगा.
अत्यधिक जरूरी होने पर कलेक्टर की अनुमति के बाद ही अवकाश स्वीकृत किया जाएगा.
इसी प्रकार नई नियुक्ति और पोस्टिंग पर भी प्रतिबंध लग जाएगा.
राजनीतिक दलों में भेद नहीं किया जाएगा
गाइड़लाइन में अधिकारी-कर्मचारियों के लिए सख्त निर्देश है कि सार्वजनिक स्थान पर चुनावी सभा या बैठक की अनुमति देते समय किसी भी राजनीतिक दलों में कोई भी भेद नहीं किया जाएगा.
यदि एक ही दिन में कई दल एक ही स्थान पर सभा करना चाहते हैं तो उस दल को पहली अनुमित दी जाएगी जो सबसे पहले आवेदन किया हो.
इसी प्रकार प्रचार सामग्री लगाने के लिए राजनीतिक दलों को भवन मालिक से अनुमति लेना आवश्यक होगा.
विधायक और मंत्रियों के लिए भी सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
आचार संहिता लागू होते ही कोई भी मंत्री नई घोषणाएं नहीं कर सकेंगे और न ही भूमिपूजन या उद्घाटन कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे.
यदि मंत्री निजी दौरे पर हैं या प्राइवेट स्थान पर गए हैं, तो उनकी सुरक्षा में कोई अतिरिक्त फोर्स नहीं लगाई जाएगी. उन्हें जो सुरक्षा दी गई है, उसी में यात्रा करनी होगी.
इसके साथ ही रेस्ट हाउस या सर्किट हाउस में मंत्री केवल सरकारी अधिकारियों या कर्मचारियों को बुला सकते हैं, लेकिन किसी निजी स्थान पर उनसे मिलना मना होगा.