देवयानी मामला: समाधान की कोशिशें तेज
वाशिंगटन | समाचार डेस्क: भारत ने अमरीका में अपना राजदूत एस जयशंकर को नियुक्त किया है.नए राजदूत जयशंकर, भारत-अमरीका असैन्य परमाणु समझौते में और अन्य पहलों में अहम भूमिका निभा चुके हैं. वह दक्षिण एशियाई मामलों से जुड़े नौकरशाहों से निपटने में अभ्यस्त हैं. उनके वाशिंगटन पहुंचने के साथ ही राजनयिक देवयानी खोबरागड़े की गिरफ्तारी और उनकी गहन तलाशी लेने की घटना के कारण दोनों देशों के बीच पैदा हुए कूटनीतिक विवाद के समाधान की कोशिशें तेज हो गई हैं.
चीन में पिछले चार वर्षो से भारतीय राजदूत के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके एस. जयशंकर अमरीका में भारतीय राजदूत का कार्यभार संभालने के लिए पहुंच गए हैं. लेकिन वह अपने कागजात नए साल में ही राष्ट्रपति को सौंप पाएंगे, क्योंकि राष्ट्रपति बराक ओबामा हवाई में परिवार के साथ छुट्टियां मना रहे हैं. लेकिन विवाद सुलझाने की कोशिशें वह अभी से शुरू कर सकते हैं.
जयशंकर भारत के प्रमुख रणनीतिक विचारक दिवंगत के. सुब्रह्मण्यम के पुत्र हैं और समझा जाता है कि वह दक्षिण एशिया और मध्य एशिया से संबंधित मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा बिस्वाल और अन्य अमेरिकी अधिकारियों के साथ क्रिसमस की छुट्टियों के बाद मुलाकात कर इस कोशिश को आगे बढ़ाएंगे.
इस बीच, कूटनीतिक विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत की प्रक्रिया से जुड़े राजनयिकों को इस संकट के समाधान के लिए दो सप्ताह की मोहलत मिल गई है, क्योंकि देवयानी खोबरागड़े को मामले के संबंध में सुनवाई पूर्व की प्रक्रिया में निजी पेशी से सोमवार को छूट मिल गई.
देवयानी को वीजा धोखाधड़ी और अपनी नौकरानी को कम वेतन देने से संबंधित मामले में मैनहट्टन की एक अदालत में 13 जनवरी को पेश होना है.
देवयानी के वकील डेनियल अरशैक ने कहा, “यह छूट महत्वपूर्ण है लेकिन उल्लेखनीय नहीं है. इससे मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और मैं इन छुट्टियों के दौरान किसी उल्लेखनीय प्रक्रिया की उम्मीद नहीं करता.”
देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट दिलाने की भारत की कोशिश में भी सोमवार को कुछ सफलता हासिल हुई है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र ने भारत सरकार के अनुरोध पर देवयानी को भारतीय स्थायी मिशन में सदस्य के रूप में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता कार्यालय ने सोमवार को कहा कि विदेश विभाग को हर हाल में देवयानी के स्थानांतरण को मंजूरी देनी होगी. उन्हें न्यूयार्क में उपमहावाणिज्यदूत के पद से संयुक्त राष्ट्र मिशन में वाणिज्यदूत के नए पद पर स्थानांतरित किया गया है.
उल्लेखनीय है कि अमरीकी विदेश विभाग की मंजूरी के बाद ही देवयानी को पूर्ण राजनयिक छूट प्राप्त हो सकेगी.
इस बीच भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों के एक संगठन ने ओबामा प्रशासन से ऑनलाइन अपील की है कि भारतीय राजनयिक देवयानी के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप तत्काल वापस ले लिए जाएं.
अमरीका भी वास्तव में भारत के साथ अपने रिश्ते बिगाड़ना नहीं चाहता है. उसकी रणनीति है कि सांप भी मर जाये तथा लाठी भी न टूटे.अब ऐसा लगता है कि देनयानी की गिरफ्तारी अमरीका के गले का फांस बनता जा रहा है.जिसे ओबामा के लौटते ही सुलझाने की कोशिश तेज हो जायेगी.