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बस्तर बंद का असर, दुकानों पर लटकते रहे ताले

जगदलपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में एक सप्ताह के अंदर तीन बड़ी घटनाओं के विरोध में मंगलवार को बस्तर बंद रखा गया. बंद का व्यापक असर देखने को मिला. सुबह से ही बाजार पूरी तरह बंद रहा. शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारियों ने दुकानें बंद रख समर्थन दिया. बस्तर बंद को बस्तर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ने भी समर्थन दिया है.

बस्तर में पत्रकार की हत्या, माओवादी घटना में आठ जवानों की शहादत और बड़े बोदल में धर्मांतरण विवाद में मारपीट जैसी घटनाओं ने बस्तर को हिला कर रख दिया है. इसी के विरोध में आज बस्तर बंद का आह्वान किया गया.

सुबह से विश्व हिन्दू परिषद व आदिवासी समाज ने शहर में रैली निकाल कर लोगों से अपनी प्रतिष्ठानें बंद करने की अपील की.

भाजपा नेता राजाराम तोड़ेम ने बताया कि आज बस्तर बंद का आह्वान कर राज्यपाल के नाम बस्तर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. तीनों ही मामले में शीघ्र कार्रवाई की मांग की है.

धर्मांतरण विवाद के बाद मारपीट

दरअसल 30 दिसंबर को जगदलपुर शहर से लगे बड़े बोदल गांव में ईसाई समुदाय की महिला की मौत के बाद शव दफन को लेकर जमकर विवाद हुआ था.

दो पक्षों में हुए विवाद के बाद सरपंच और स्थानीय ग्रामीणों के साथ मारपीट की गई थी.जिससे सरपंच सहित 8-10 लोग घायल हो गए थे.

इससे बाद गांव में पुलिस बल तैनात करना पड़ा था. इस मामले में गांव के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इस घटना के बाद भी यहां धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है.

पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की हत्या

इस घटना का मामला शांत हुआ नहीं था कि पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की हत्या कर दी गई.

एक जनवरी को बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की स्थानीय ठेकेदार और उसके भाइयों ने मिलकर हत्या कर दी.

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को सैप्टिक टैंक में फेंक दिया था. इस हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मुख्य आरोपी सुरेश चन्द्राकर हैदराबाद फरार हो गए थे.

दो दिन पहले ही उसे गिरफ्तार कर लाया गया है. फिलहाल पुलिस मामले में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है.

आईईडी विस्फोट में 8 जवान शहीद

इस दोनों घटनाओं के बाद 6 जनवरी को माओवादियों ने बीजापुर जिले के कुटरू-बेदरे मार्ग पर अंबेली के पास आईईडी विस्फोट कर दिया.

इस हादसे में बस्तर बटालियन के 8 जवान शहीद हो गए. इनके साथ में एक वाहन चालक भी मारा गया है.

लगातार हुए इन तीनों बड़ी घटनाओं के विरोध में सर्व आदिवासी समाज ने बंद बुलाकर अपना विरोध जताया है.

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