ईडी ने अटैच की वंदना की 603 करोड़ की संपत्ति
रायपुर | संवाददाता: कोल आवंटन घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ के वंदना विद्युत की 603 करोड़ की संपत्ति अटैच कर ली है. कोरबा के छुरी में स्थित इस विवादास्पद पावर प्लांट के खिलाफ प्रोवेंशन ऑफ मनी लॉंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई की है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार इस कंपनी के 1100 करोड़ रुपये पहले से ही गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों यानी एनपीए नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स में डाल रखा है.
गौरतलब है कि वंदना विद्युत को रायगढ़ इलाके के फतेपुर पूर्व की कोल खदान आवंटित की गई थी. यह कोल ब्लॉक जेएलडी यवतमाल एनर्जी लि., आरकेएण पावरजेन लि., वीसा पावर लि. और अथेना इंफ्राप्रोजेक्ट लि. को भी आवंटित किया गया था. इस मामले में जुलाई 2014 में सीबीआई ने वंदना विद्युत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद अगस्त 2015 को सीबीआई ने वंदना के विभिन्न कार्यालयों पर छापामारी की भी कार्रवाई की और कई गड़बड़ियां पकड़ी थीं.
वंदना विद्युत लिमिटेड ने 4 मई 2007 को छुरी के सलोरा में 540 मेगावॉट की क्षमता का पावर प्लांट लगाने के लिये छत्तीसगढ़ सरकार से समझौता किया था. सरकार ने भी नियमों की अनदेखी करते हुये इस कंपनी को कई सुविधायें दीं. यहां तक कि ग्रामीणों के विरोध को भी नजरअंदाज कर दिया गया. ग्रामीणों को झूठे मुकदमें में फंसाया गया और अंततः पावर प्लांट शुरु भी हो गया. लेकिन बाद में स्थितियां खराब होने लगीं और प्लांट बंद हो गया.
जिन किसानों की जमीन गई थी, उनका रोजगार भी छीन गया. खेती की जमीन तो खत्म हो ही गई. कंपनी में काम करने वाले लोगों के सामने तो रोजगार का संकट पैदा हुआ ही, कंपनी ने बैंकों का पैसा भी नहीं लौटाया. पिछले साल एनपीए की कथित वसूली के लिये पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों-कर्मचारियों ने वंदना विद्युत प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के सामने प्रदर्शन भी किया था.