डीएमएफ घोटाले में ईडी ने एक को गिरफ़्तार किया
रायपुर | संवाददाता: ईडी ने छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाले में एक व्यवसायी मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ़्तार किया है. आरोप है कि डीएमएफ फंड की एक बड़ी रकम एक एनजीओ उदगम सेवा समिति के नाम पर ली गई.
इसके बाद डीएमएफ मद से ली गई रकम का एक हिस्सा इन दिनों जेल में बंद आईएएस रानू साहू को दिया गया.
हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह रकम कितनी थी.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अक्टूबर के महीने में भी ईडी ने डीएमएफ घोटाले में दो अफसरों को गिरफ़्तार किया था.
मोदी सरकार ने मार्च 2015 में खान और खनिज क़ानून में संशोधन करते हुए डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन यानी डीएमएफ की स्थापना की थी. इसका उद्देश्य खनन कंपनियों के पैसे से, खनन प्रभावित लोगों और खनन प्रभावित क्षेत्रों के हित और लाभ के लिए काम करना था.
लेकिन खदान प्रभावित इलाके के लोगों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर, कोरबा और कोरिया ज़िले के डीएमएफ फंड के कई करोड़ रुपये बिलासपुर में हवाई अड्डा बनाने के लिए दे दिया गया. कोरबा में मल्टी-लेवल पार्किंग लॉट और कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए डीएमएफ फंड के 43 करोड़ रुपये खर्च कर दिए गए.
राज्य में डीएमएफ की राशि से स्वीमिंग पूल तक बना दिया गया.
अफसरों ने मनमाने तरीके से पैसे खर्च किए और अरबों रुपये का भ्रष्टाचार किया. यह सिलसिला 2016 से लगातार जारी रहा. अब इसमें एनजीओ से जुड़े मामले में यह पहली गिरफ़्तारी है.
हाल ही में सीबीआई ने छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमैन आईएएस टामन सिंह सोनवानी को गिरफ़्तार किया है. सोनवानी ने भी इसी तर्ज पर एक व्यवसायी से अपनी पत्नी के एनजीओ में पैसे लिए थे. बदले में व्यवसायी के बेटे को पीएससी में डिप्टी कलेक्टर बनाने का आरोप है.