दुनिया में दुग्ध उत्पादन में भारत 1st
नई दिल्ली | संवाददाता: भारत दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में दुनिया में पहले स्थान पर है. संसद में साल 2015-16 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुये वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन को यह बताया. आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत ने दुग्ध उत्पादन में 6.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जबकि विश्व में दुग्ध उत्पादन 3.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा है. वहीं, भारत में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 1990-91 के 176 ग्राम से बढ़ाकर 2014-15 में 322 ग्राम प्रतिदिन हो गई है. भारत में अंडा एवं मछली उत्पादन में भी पिछले कुछ वर्षों के दौरान वृद्धि देखी गई है. 2015-16 की अंतिम तिमाही में मछली उत्पादन में वृद्धि का दौर देखने को मिला और अनुमान के मुताबिक यह 4.79 मिलियन टन हो गया है.
दुग्ध उत्पादन में भारत पहले पायदान पर है तथा विश्व के दुग्ध उत्पादन में इसका योगदान 18.5 प्रतिशत का है. भारत में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 1990-91 में 176 ग्राम प्रतिदिन के मुकाबले वर्ष 2014-15 के दौरान 322 ग्राम प्रतिदिन पहुंच गई है. यह वर्ष 2013 के दौरान विश्व के औसत 294 ग्राम प्रतिदिन की तुलना में अधिक है.
यह बढ़ती आबादी के लिए दूध और दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता में हुई निरंतर वृद्धि को दर्शाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि में लगे परिवारों के लाखों लोगों के लिए डेयरी आय का एक महत्वपूर्ण सहायक स्रोत बन गया है. डेयरी उद्योग की सफलता दूध के संग्रह की एकीकृत सहकारी प्रणाली, परिवहन, प्रसंस्करण और वितरण, दूध को उत्पादों एवं पाउडर में परिवर्तित करने, आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों पर मौसमी प्रभाव को न्यूनतम करने, दूध और दुग्ध उत्पादों के खुदरा वितरण, मुनाफे का किसानों के साथ बंटवारा करने का परिणाम है. यह उत्पादकता बढ़ाने के काम में जुटाता है और अन्य कृषि उत्पादों/उत्पादकों द्वारा इसका अनुसरण किए जाने की आवश्यकता है.
पोल्ट्री क्षेत्र में, सरकार का ध्यान वाणिज्यिक पोल्ट्री उत्पादन बढ़ाने के लिए उपयुक्त नीतियां तैयार करने के अलावा, पारिवारिक पोल्ट्री प्रणाली को मजबूत बनाने पर है. यह आजीविका के मुद्दे पर ध्यान देता है.
हाल के वर्षों में अंडा एवं मछली, दोनों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. 2014-15 में अंडा उत्पादन 78.48 बिलियन अंडों के आसपास रहा, जबकि कुक्कुट मांस अनुमानतः 3.04 मिलियन टन रहा. मछली पालन देश के सकल घरेलू उत्पाद का एक प्रतिशत है, जबकि कृषि जीडीपी का 5.08 प्रतिशत है.
2014-15 के दौरान कुल मछली उत्पादन 10.16 मिलियन टन था. वर्ष 2015-16 की अंतिम तिमाही के दौरान भी उत्पादन में बढ़ोत्तरी का दौर देखने को मिला. यह अनुमानतः 4.79 मिलियन टन है. कृषि क्षेत्र में कृषि और गैर-कृषि गतिविधियों के विविधीकरण के संदर्भ में मुर्गी पालन और पशुधन उत्पादों का आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए काफी महत्व है.
संसद में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पेश आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2016-17 के लिए विकास दर का अनुमान 7-7.75 फीसदी रखा गया. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश आर्थिक सर्वेक्षण में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए विकास दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है, जो 2014-15 में 7.2 फीसदी था.
केंद्रीय वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है, “देश की दीर्घावधि सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर की संभावना काफी अच्छी करीब 8-10 फीसदी है.”
सर्वेक्षण के मुताबिक, “सुस्त वैश्विक आर्थिक स्थिति के बीच भारत स्थिरता का स्तंभ और यह सबसे तेज विकास दर वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा.”
महंगाई के मोर्चे पर सर्वेक्षण में कहा गया है कि वर्तमान वित्त वर्ष में उपभोक्ता महंगाई दर 4.5-5 फीसदी के दायरे में रहेगी.