निर्वाचन आयोग भाजपा के इशारे पर चल रहा: सपा
नई दिल्ली | एजेंसी: समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के उस निर्णय का विरोध किया, जिसमें उसने भाजपा महासचिव अमित शाह के प्रचार और सार्वजनिक रैलियां करने पर लगी रोग हटा ली. निर्वाचन आयोग के इस निर्णय से विवाद ने जन्म ले लिया है.
सपा ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह भारतीय जनता पार्टी के लिए काम कर रहा है, जबकि कांग्रेस ने कहा कि शाह और सपा नेता आजम खान समान रूप से सांप्रदायिक हैं.
निर्वाचन आयोग ने दोनों नेताओं के घृणास्पद भाषणों, धार्मिक भावनाएं भड़काने के कारण उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी.
लेकिन गुरुवार देर शाम निर्वाचन आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि शाह पर प्रतिबंध घटाया जाता है और उन्हें रैलियों की छूट तो रहेगी, लेकिन रैलियों पर नजर रखी जाएगी.
आयोग ने यह कदम तब उठाया, जब शाह ने अपने किए के लिए माफी मांगी.
शाह ने अपने माफी पत्र में कहा था, “मैं शपथ लेता हूं कि मैं प्रचार के दौरान अनुचित या भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल नहीं करूंगा और आदर्श आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं करूंगा.”
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने हालांकि आयोग के निर्णय की निंदा की और उसे पक्षपाती कहा.
अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, “मैं कड़े शब्दों में इसकी निंदा करता हूं. ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग भी पक्षपाती हो गया है और नरेंद्र मोदी व भाजपा के लिए काम कर रहा है.”
अग्रवाल ने कहा, “हम इसके खिलाफ लड़ेंगे, आजम खान पर प्रतिबंध अनुचित है, उन्होंने अमित शाह जैसी कोई भड़काऊ बात नहीं कही है.”
उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुस्लिम नेता आजम खान ने कहा कि आयोग ने उनके जवाब पर विचार नहीं किया.
आजम ने कहा, “उन्होंने मेरे जवाब पर विचार नहीं किया और मेरे खिलाफ बहुत कड़ा निर्णय लिया.”
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि आजम खान और अमित शाह ने जो कहा है, दोनों में कोई अंतर नहीं है, लेकिन उन्होंने आयोग के निर्णय पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
सिंघवी ने कहा, “मैं एक संवैधानिक संस्था द्वारा लिए गए निर्णय पर टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन हमारे लिए अमित शाह और आजम खान में कोई अंतर नहीं है. दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं, दोनों सांप्रदायिक हैं.”