कलारचना

दूसरों धर्म को ठेस न पहुंचाये: कंगना

मुंबई | मनोरंजन डेस्क: कंगना रनौत का मानना है कि बोलने के पहले शब्दों की ताकत का अंदाज लगाकर ही बोले. साथ ही ऐसे बोल बोले जिससे दूसरे धर्म, रंग और भाषा के लोगों को ठेस न पहुंचे. कंगना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को ठेस पहुंचाये जाने के खिलाफ़ है. अपने स्वतंत्र विचारों को बेहिचक जाहिर करने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत का कहना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ‘ऐसी हो, जो किसी अन्य के विचारों को ठेस न पहुंचाए.’ कंगना से जब देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ऐसी हो, जो किसी अन्य के विचारों को हानि न पहुंचाए, क्योंकि हमारे देश में कई धर्म, रंग और भाषाएं हैं.”

अभिनेत्री ने कहा, “सार्वजनिक रूप से, कार्यस्थल पर या फिर घर में कुछ भी बोलने से पहले आपको काफी सोच-विचार करना चाहिए. हर किसी को शब्दों की ताकत का अंदाजा होना जरूरी है.”

इससे पहले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए करन जौहर ने कहा था कि ‘विश्व में भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक बहुत बड़ा मजाक है और यहां लोकतंत्र दूसरा सबसे बड़ा मजाक है.’

यहां ‘साला खड़ूस’ की खास स्क्रीनिंग में शामिल हुईं अभिनेत्री से जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर करन जौहर के बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे भी मेरे बयानों के बारे में काफी आलोचनाएं मिलती हैं, लेकिन इसमें कोई बुरी बात नहीं. मैं हमेशा अपने मन की बात कहती हूं.”

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