छत्तीसगढ़ में कई केन्द्रों में धान खरीदी बंद
रायपुर|संवाददाताः छत्तीसगढ़ में धान खरीदी पर संकट गहराता ही जा रहा है. समय पर धान का उठाव नहीं होने से प्रदेश के अधिकांश समितियों में धान का बफर स्टॉक जमा हो गया है. जिसके चलते समितियों में धान रखने के लिए जगह नहीं होने के कारण खरीदी बंद हो गई है. इसके लिए बकायदा समिति प्रबंधकों द्वारा खरीदी बंद करने का नोटिस जारी कर गांव-गांव में चस्पा कराया गया है. साथ ही कई जिलों में मुनादी कर सूचना दी जा रही है. ताकि कोई भी किसान इस तिथि में खरीदी केन्द्र में धान ना लाएं. खरीदी की बिगड़ती व्यवस्था से किसानों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. परेशान किसान अब आंदोलन की चेतावनी दी है.
धान खरीदी शुरू हुए एक माह पूरा बीत गया लेकिन अभी तक एक भी उपार्जन केन्द्रों से ठीक से कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव शुरू नहीं हो पाया है.
इस साल 14 नवंबर से धान खरीदी शुरू हुई है. इस एक माह में प्रदेश में 50 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है. जिसमें रायपुर संभाग में 14.52 लाख मीट्रिक टन, बिलासपुर संभाग में 9.76 लाख मीट्रिक टन, दुर्ग संभाग में 17.79 लाख मीट्रिक टन, बस्तर संभाग में 4.13 लाख मीट्रिक टन और सरगुजा संभाग में 3.80 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया है.
दिसंबर के पहले सप्ताह से प्रदेश के सभी समितियों में धान की आवक तेज हो गई थी. लेकिन इस बार कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलरों के असहयोग से समितियों में धान जाम हो गया है. समितियों में जगह नहीं होने से मजबूरी में धान खरीदी बंद करना पड़ रहा है. आगे भी धान का उठान नहीं हुआ तो कुछ दिनों में बाकी समितियों में भी खरीदी बंद करने की नौबत आ जाएगी.
समिति प्रबंधकों को सूखत की चिंता
समितियों में जाम पड़े धान के रख रखाव और सूखत की चिंता अब समिति प्रबंधकों को होने लगी. उपर से धान खरीदी बंद होने की स्थिति में किसानों द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा है. जिससे समिति प्रबंधकों की परेशानी बढ़ गई है. समितियों में जगह नहीं होने की वजह से कई समिति प्रबंधकों ने सोमवार से धान खरीदी बंद कर दी गई है.
कवर्धा जिले के 108 समितियों में से 90 समितियों में खरीदी बंद कर दी गई. इसी तरह राजनांदगांव के कई समितियों में खरीदी बंद है. यहां के समिति प्रबंधकों ने चेतावनी दी है कि अगर 18 दिसंबर तक धान का उठाव नहीं हुआ तो 19 दिसंबर से पूरे जिले में धान खरीद बंद कर दी जाएगी. जिले के 96 खरीदी केन्द्रों में अब तक 2 लाख 80 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है.
दुर्ग में आंदोलन की चेतावनी के बाद खरीदी शुरू
दुर्ग जिले के नगपुरा, भेड़सर, दमोदा, कन्हारपुरी, डोड़की और सांतरा में धान खरीदी पिछले सप्ताह भर से बंद है. इसके अलावा जिले के लगभग दर्जन भर समितियों में जल्द ही खरीदी बंद हो जाने की स्थिति है. जिसके चलते किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है. नगपुरा क्षेत्र के किसान सोमवार को कलेक्टोरेट में धान रखकर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी. इसके बाद आनन-फानन में प्रशासन ने बंद केन्द्रों में खरीदी शुरू करवाई है.
बताया जा रहा है प्रशासन के दबाव के चलते समिति के कर्मचारियों ने इन केन्द्रों में फिर से खरीदी करने सहमति दी है. रविवार को अवकाश के दिन में समिति के कर्मचारी दिन भर मशक्कत करते हुए खरीदी के लायक जगह बनाई है. बताया गया कि जितना जगह बन पाया है उसमें ज्यादा से ज्यादा दो से तीन दिन की खरीदी संभव है. इसके बाद भी यहां से धान का उठाव नहीं हुआ तो फिर से खरीदी बंद करना पड़ेगा.
जिले के जामगांव (एम) समिति में अब तक कुल 22 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है लेकिन अभी तक एक क्विंटल भी धान का उठान नहीं हुआ है. यही हाल तर्रा, बटंग, सांकरा, झीट, खुड़मुड़ा आदि समितियों का है.
यहां के लिए टीओ काटा गया है लेकिन लोडिंग-अनलोडिंग चार्ज समिति को देने कहा जा रहा है. जिसका समिति द्वारा विरोध किया जा रहा है. जिले के प्रगतिशील किसान संगठन ने सोमवार तक स्थिति नहीं सुधरने पर सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. इसके चलते प्रशासन के अफसर किसी भी हाल में धान खरीदी शुरू कराने जुगत में लगे हैं.
लोडिंग चार्ज को लेकर विवाद
धान खरीदी केन्द्रों में अब धान के उठाव में लोडिंग चार्ज को लेकर मामला उलझ गया है.
प्रशासन द्वारा जिस समिति में खरीदी बंद है वहां धान उठाने टीओ जारी किया गया है.
धान उठाने खरीदी केन्द्रों में शनिवार-रविवार को गाड़ियां भी पहुंची लेकिन धान लोडिंग किए बगैर ही वापस लौटना पड़ा.
बताया गया कि अब तक संग्रहण केन्द्रों में लोडिंग-अनलोडिंग का चार्ज परिवहनकर्ताओँ द्वारा वहन किया जाता रहा है.
लेकिन इस बार टेंडर की प्रक्रिया नहीं होने के कारण सरकार यह चार्ज समितियों को वहन करने कहा जा रहा है.
इससे समिति प्रबंधक नुकसान का हवाला देकर चार्ज देने से इंकार कर रहे हैं.
राइस मिलों में छापा
खाद्य विभाग ने कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश के उल्लंघन करने पर प्रदेश के कई जिलों में रविवार को राइस मिलों पर छापा मार कार्रवाई की. इसके बाद 7 राइस मिल को सील कर दिया गया.
खाद्य विभाग की टीम ने रविवार को रायपुर, धमतरी, महासमुंद और राजनांदगांव जिले में स्थित राइस मिलों का औचक निरीक्षण किया. जिसके बाद महासमुंद के तीन, रायपुर के दो और गरियाबंद-बिलासपुर में एक-एक राइस मिल को सील कर दिया.
बताया गया कि रायपुर में आर.टी. राइस मिल में 390 क्विंटल उसना चावल और 1200 क्विंटल धान पाया गया. इसी तरह रायपुर के गौरी राइस मिल में भी गड़बड़ियां पाई गईं. यहां भारतीय खाद्य निगम में जमा किए जाने वाले 2 हजार 272 क्विंटल चावल के मुकाबले केवल 872 क्विंटल चावल ही मिल में पाया गया.