सेंट्रल गोंडवाना

अघाड़ी में सीट बंटवारे पर मतभेद

मुंबई| डेस्कः महाविकास अघाड़ी में टिकट बंटवारे पर मतभेद सामने आने लगे हैं. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) के बीच सीट बंटवारे का पेच सुलझ नहीं रहा है.

हालांकि कहा जा रहा है कि 288 सीटों में 260 सीटों पर सहमति बन गई है. बाकी के 28 सीटों पर खींचतान हो रही है. लेकिन सही तो यही है कि करीब 9 घंटे की मैराथन बैठक के बाद भी सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है.

सीट शेयरिंग को लेकर फंसे पेच पर शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता फैसले लेने में सक्षम नहीं हैं. कांग्रेस नेताओं को बार-बार लिस्ट दिल्ली भेजनी पड़ती है, फिर चर्चा होती है.

उन्होंने कहा कि अब समय बहुत कम है. अब सीधे कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा होगी. सुबह मुकुल वासिनक से बात हुई है. आज राहुल गांधी से भी बात करूंगा. हम जल्द से जल्द फैसला चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि एनसीपी और शिवसेना में ज्यादा मतभेद नहीं है. कुछ सीटें हैं जिन पर तीनों दल दावा कर रहे हैं. इसी मतभेद को खत्म करना है.

संजय खुद फैसला नहीं लेते- पटोले

वहीं दूसरी संजय राउत के इस बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि संजय राउत के नेता उद्धव ठाकरे हैं. हमारे नेता राहुल गांधी हैं और एनसीपी के नेता शरद पवार हैं. सीट बंटवारे में क्या चल रहा है, उसकी जानकारी हम राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को देते हैं.

उन्होंने सवाल किया है कि क्या संजय राउत जो करते हैं, वो उनका फैसला होता है?

कहा जा रहा है कि मामला विदर्भ पर भी फंसा हुआ है, जहां 62 सीटें हैं.

पिछले चुनाव में पुरानी शिवसेना और बीजेपी गठबंधन ने इस इलाके से 27 सीटें जीती थीं, जिसमें बीजेपी को 15 और शिवसेना को 12 सीटें मिली थी.

यहां से कांग्रेस ने अकेले 29 सीटों पर जीत दर्ज की थी.जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को पांच सीटें मिली थी.

अब पेंच पुराने नतीजों पर फंसा है.

उद्धव ठाकरे का दावा है कि बंटवारे के फॉर्मूले के मुताबिक 2019 में जीती गईं 12 सीटें शिवसेना को मिलनी चाहिए, मगर कांग्रेस इस पर राजी नहीं है.

मुंबई की सीटों पर भी घमासान

विदर्भ की तरह ही मुंबई की सीटों पर भी घमासान मचा हुआ है.

यहां की 20-25 सीट बंटवारे की पेंच में फंसी हुई है.

शिवसेना नेता मनीषा कायंदे ने कहा है कि मुंबई शिवसेना का गढ़ है. इसलिए हमें ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में बीजेपी शिवसेना गठबंधन ने मुंबई की 36 विधानसभा सीटों में से 31 सीटों पर कब्जा किया था.

शिवसेना ने मुंबई की 22 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी को 9 सीट मिले थे. वहीं कांग्रेस ने पांच सीटों में जीत दर्ज की थी.

सूत्रों से पता चला है कि शिवसेना ने मुंबई में 25 सीटों पर दावेदारी की है, जिसे मानने के लिए कांग्रेस राजी नहीं है.

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