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धनतेरस की परंपरा

रायपुर| एजेंसी: समुद्र मंथन के अंतिम दिन यानी प्रकाश पर्व दीपावली के दो दिन पूर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को छत्तीसगढ़ में धनतेरस मनाने की पुरानी परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर भगवान धनवंतरि के रूप में प्रकट हुए थे. इसलिए विष्णु की पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होकर धनवर्षा करती हैं.

प्रकाश पर्व दीपावली के दो दिन पूर्व कोई वस्तु या धातु खरीदना सगुन होता है. इसीलिए धनतेरस के दिन छत्तीसगढ़ के व्यापारी अपनी दुकानों को सजाते हैं तथा ग्रामीण और शहरी बढ़-चढ़कर खरीदारी करते हैं. विष्णु पुराण की एक कथा के अनुसार, देवताओं और दैत्यों के बीच युद्ध विराम के बाद हुए समुद्र मंथन के दौरान भगवान विष्णु कलश में अमृत लेकर भगवान ‘धनवंतरि’ के रूप में प्रकट हुए थे.

ऐसा माना जाता है कि इस दिन सुबह स्नान कर सूर्य का जलाभिषेक के बाद भगवान विष्णु की पूजा करने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और धनवर्षा करती है.

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