दवाओं की online बिक्री पर कार्यवाही
रायपुर | जेके कर: डीजीसीआई ने दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर राज्यों के दवा नियंत्रकों को निर्देश जारी किया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी द्वारा राज्यों के दवा नियंत्रकों को जारी परिपत्र में कहा गया है कि दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर उप समिति बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आनी है, तब तक इस मामले पर सख्त निगरानी रखें.
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया डॉ. एस ईश्वरा रेड्डी ने अपने परिपत्र क्रमांक 7-5/2015/Misc/(e governance)/091 में कहा है, “The concerns raised in the representations, particularly those relating to violation of Drugs and Cosmetics Act and Rules made thereunder, safety and efficacy of medicines made available through online sales cannot be ignored/kept pending till the report of the subcommittee constituted for this purpose becomes available,In the above background, you are requested to put a strict vigil on online sale of medicines and take action against those indulging in online sale of medicines in violation of the Drugs and Cosmetics Act and Rules thereunder, in the interest of public health. You are also requested to disseminate this communication to all Licensing Authorities under your jurisdiction for similar action in this regard.”
देशभर के दवा विक्रेताओँ के संगठन तथा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिवों के संगठन एफएमआरएआई ने दवाओँ की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाने की मांग पर हाल ही में एक-एक दिवसीय हड़ताल किया था.
उल्लेखनीय है कि भारत में दवाओं की बिक्री दो कानूनों; ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 तथा नियम, 1945 तथा फार्मेसी एक्ट, 1948 द्वारा नियंत्रित होती है.
फार्मेसी एक्ट की धारा 42 (2) के तहत दवाओं की बिक्री केवल रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के माध्यम से ही हो सकती है. कोई अन्य यदि दवाओं को बेचता है तो उसे छः माह तक की सजा तथा एक हजार रुपयों तक का जुर्माना हो सकता है.
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 तथा नियम, 1945 के तहत दवाओं शेड्यूल H तथा X दवाओं को केवल चिकित्सकों के पर्चे के आधार पर ही बेचा जा सकता है. खासकर शेड्यूल X जिसमें नशीले और मानसिक रोग की दवायें आती हैं, उनका रिकॉर्ड रखना पड़ता है.
वर्तमान में दवाओँ की ऑनलाइन बिक्री भारत में नवजात अवस्था में है. एक रिपोर्ट के अनुसार 5-15 फीसदी तक की दवा ऑनलाइऩ बिकती है. घरेलू दवाओं का बाजार करीब 65 हजार करोड़ रुपयों का है.