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भारत की विकास दर बेहतर रहेगी

संयुक्त राष्ट्र | समाचार डेस्क:दुनिया में मंदी के बावजूद भारत की विकास दर 2014 में 5.3 फीसदी रह सकती है. ऐसा संयुक्त राष्ट्र संघ का अनुमान है. संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल इकोनोमिक मानिटरिंग यूनिट के प्रमुख पिंगफैन हांग ने बताया कि विकासित देशों की विकास दर अगले साल 1.9 फीसदी रहेगी, जबकि विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था पांच फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस अवधि में वैश्विक विकास दर 3 फीसदी रहने के आसार हैं. इस पूर्वानुमान के अनुसार वैश्विक विकास दर में सुधार देखा जा रहा है, जो 2013 में 2.1 फीसदी अनुमानित था.

अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने अमरीका में विकास दर 2.5 फीसदी, जबकि पश्चिमी यूरोप व जापान में 1.5, अफ्रीका में 4.7, लैटिन अमरीका व कैरिबियाई देशों में 3.6, पूर्वी और दक्षिण एशिया में 5.8, चीन में 7.5, भारत में 5.3, ब्राजील में 3.0 और रूस में 2.9 फीसदी रहने की संभावना जताई है.

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक विकास के सहायक महासचिव शमशाद अख्तर ने सबताया कि यह अनुमान कई खतरे और अनिश्चितता के संदर्भ में लगाया गया है, जबकि आर्थिक और राजनीति का अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा. गौरतलब है कि विकास दर से इस बात का पता चलता है कि उस देश में नागरिकों की हालत क्या है. वास्तव में इस विकास में कृषि, उत्पादन तथा सेवा के क्षेत्रों के विकास का औसत निकाला जाता है.

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