डेंगू से दिल में दर्द
नई दिल्ली | एजेंसी: भारत को दुनिया की डेंगू की राजधानी माना जाता है, क्योंकि यहां पर डेंगू के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए जाते हैं. मानसून में यह समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि सड़कों पर गड्डों में पानी भर जाता है. ठहरा हुआ पानी एडीज मच्छर के तेजी से पनपने का साधन बनते हैं. एक ताजा शोध के अनुसार, 58 लाख से ज्यादा भारतीय हर साल डेंगू से पीड़ित पाए जाते हैं, यह आंकड़ा सरकारी रिपोर्ट में दर्ज 20000 के अंकड़े से 282 गुना ज्यादा है. तेजी से बढ़ते डेंगू के मामलों और इसके शरीर के अहम अंगों पर होने वाले प्रतिकूल असर के मद्देनजर शहर के विषेशज्ञों ने इसकी रोकथाम के तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाने और तुरंत कदम उठाने की सलाह दी है.
डेंगू बुखार के आम लक्षण में बुखार, उल्टी, सिर दर्द, आखों के पीछे दर्द और जोड़ो व मांसपेशियों में तीव्र दर्द शामिल हैं. इस बीमारी की जांच कम प्लेटलेट से होती है जो कि रक्त की जांच से की जाती है. लेकिन हल्के से गंभीर दिल के रोग वाले मरीजों पर इसका क्या असर होता है, ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है.
एक्शन हार्ट इंस्टीट्यूट, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के कॉर्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अमर सिंघल के अनुसार, डेंगू से पीड़ित मरीज के प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से उसके शरीर के अहम अंगों खास कर दिल की कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ सकता है. अगर प्लेटलेट्स की संख्या 45000 से नीचे चली जाए तो दिल की कार्यप्रणाली पर गहरा असर हो सकता है.
अगर ऐसे मरीज की दिल की सेहत पर तुरंत ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. दिल के इर्द-गिर्द तरल पदार्थ जमा होने से दिल की मांसपेशियों की कमजोरी और रक्त ध्मनियों में रिसाव जैसी गंभीर समस्याएं डेंगू की वजह से हो सकती हैं.
डॉ.सिंघल ने कहा, “इलाज कर रहे डॉक्टर इसकी जांच ईसीजी के जरिए कर सकते हैं और अगर कोई गड़बड़ नजर आए तो तुरंत कदम उठाना चाहिए. हम जानते हैं कि डेंगू को रोकने के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, इसलिए हमें घरों के आसपास मच्छरों के पैदा होने से रोकने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.”
उन्होंने कहा कि मच्छरों के कटने से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनने चाहिए और घर से बाहर निकलते वक्त मच्छर प्रतिरोधी दवा का इस्तेमाल करना चाहिए. दिल के मरीजों को खास तौर पर मानसून शुरू होने से अपने डॉक्टर से अतिरिक्त सावधानी के सूत्रों की जानकारी ले लेनी चाहिए.
महाराजा अग्रसेन अस्पताल के इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. भारत भूषण चानणा ने कहा कि भारत में मानसून के अंत तक डेंगू के मामले बहुत खतरनाक रूप से बढ़ते हैं. डेंगू के साथ दिल के रोग के मामले जो बहुत ही कम पाए जाते हैं, जानलेवा साबित हो सकते हैं. दिल की समस्याओं का इलाज किया जा सकता है, अगर इनके लक्षणों का जल्दी पता लग जाए.
उन्होंने कहा कि इसके इलाज के लिए एंटीअर्थमेटिक्स, इनोटरोप्स और हालत के मुताबिक, स्थायी या अस्थायी तौर पर पेसमेकर आदि का इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे किसी मामले का पता लगने पर तुरंत दिल के रोगों के माहिर से परामर्श लेना बेहद जरूरी है. दिल के मरीजों को भी पता होना चाहिए कि डेंगू उनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है और उन्हें डेंगू से बचने के लिए बारिश के मौसम में पूरा ध्यान रखना चाहिए.
डॉ. चानणा ने कहा कि लोगों को अपने घर के आस-पास, खास तौर पर सुबह के समय पानी जमा नहीं होने देना चाहिए और दिन में मच्छर प्रतिरोधी क्रीम लगाकर रखने के साथ ही पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए, क्योंकि डेंगू मच्छर दिन में ही सक्रिय होता है.
उन्होंने कहा, “हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि बचाव ही इलाज है.”