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जेटली का बही-खाता: राजस्व बढ़

नई दिल्ली | समाचार डेस्क: नोटबंदी के बाद सरकार का राजस्व बढ़ा है. वित्तमंत्री अरूण जेटली ने नोटबंदी के 50 दिनों का लेखा-जोखा पेश करते हुये कहा आयकर संग्रहण में 14 फीसदी का इज़ाफा हुआ है. इसी के साथ उन्होंने दावा किया कि अप्रत्यक्ष कर से भी सरकार की कमाई बढ़ी है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि नगदी की समस्या को लेकर न घबराये. दरअसल केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को नोटबंदी की तारीफ करते हुये कहा कि इसका प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है, देश के टैक्स संग्रह में दोहरे अंकों की वृद्धि देखी जा रही है.

अरूण जेटली ने कहा, “टैक्स राजस्व और संग्रह पर नोटबंदी का प्रभाव स्पष्ट है. देश में 30 नवंबर तक केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 26.2 फीसदी की वृद्धि हुई है. डायरेक्ट टैक्स संग्रह में 19 दिसंबर तक 14.4 फीसदी की वृद्धि हुई है.”

उन्होंने कहा कि नये नोट जारी करने का सबसे अहम दौर पूरा हो गया है और अब स्थिति में तेजी से काफी सुधार हो रहा है. रिजर्व बैंक के पास बहुत अधिक मात्रा में नोट उपलब्ध है. अगले कुछ दिनों स्थिति बिल्कुल सामान्य हो जायेगी. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक द्वारा 500 रुपये के और नये नोट जारी किये जा रहे हैं.

केंद्रीय उत्पाद शुल्क की वसूली की वृद्धि 43.3 फीसदी और सीमा शुल्क वसूली की वृद्धि 6 फीसदी रही है. जेटली की मानें तो नोटबंदी के बाद से बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ी है. क्योंकि लोग बड़े पैमाने पर पैसे बैंकों में जमा कर रहे हैं.

इसके अलावा जेटली ने कहा कि इस साल रबी की बुवाई पिछले साल की तुलना में 6.3 फीसदी अधिक रही है. जीवन बीमा क्षेत्र का कारोबार बढ़ने और पेट्रोलियम उपभोग में वृद्धि का हवाला वित्त मंत्री ने दिया. इसी तरह पर्यटन उद्योग और म्युचुअल फंड योजनाओं में निवेश में भी वृद्धि की बात कही गई.

वित्त मंत्री ने कहा, “नोटबंदी पर आलोचक गलत साबित हुये नोटबंदी का एकाध तिमाही में आर्थिक वृद्धि पर प्रतिकूल असर पड़ सकता था हालात इतने बुरे नहीं जितना कि कहा जा रहा था.”

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